लखनऊ । वर्ष 2012 में विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों को पांच सौ रुपये समाजवादी पेंशन देने की घोषणा की थी।
प्रदेश में सरकार बनने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस पेंशन योजना को शुरू किया। जिसके तहत आजमगढ़ जिले में एक लाख नौ हजार 59 लोगों का चयन समाजवादी पेंशन योजना के लिए किया गया। लेकिन मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के आदेश के बाद जांच तक पेंशन रोक दिया गया है। इससे पेंशनधारियों में मायूसी है।
गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने शासन काल में समाजवादी पेंशन योजना शुरू की थी। जिसके तहत इसमें चयनित व्यक्ति को पांच सौ रुपये प्रतिमाह सरकार की ओर से दिया जाता था।
इस योजना के तहत जनपद में एक लाख नौ हजार 59 पात्रों का चयन समाजवादी पेंशन के लिए किया गया था। इनमें से एक लाख आठ हजार लोगों को समाजवादी पेंशन प्रदान की गई। जिन्हें मार्च 2017 तक की पेंशन का भुगतान किया जा चुका है। बाकी लोगों के अभिलेखों आदि में गड़बड़ी के कारण समाजवादी पेंशन से वचित रहना पड़ा।
वहीं प्रदेश में सरकार बनने के बाद सपा शासन काल की योजनाओं पर सख्त नजर आ रहे मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने अब समाजवादी पेंशन को बंद करने की घोषणा करते हुए जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री के इस फैसले के बाद समाजवादी पेंशन धारियों में मायूसी है।
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