लखनऊ .उत्तर प्रदेश में हाशिए पर जा चुकी कांग्रेस में अब दुसरे दलों के नेता अपनी जगह तलाश रहे है . रविवार को शिवसेना के टिकट पर लखनऊ की कैंट विधानसभा चुनाव से चुनाव लड़ने वाले नेता गौरव उपाध्याय ने कांग्रेस का दामन थामा किन्तु कुछ घंटे बाद ही पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया .
बताया जाता है कि कांग्रेस की सदस्यता लेने गौरव उपाध्याय बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी ऑफिस पहुंचा और पार्टी की अनुशासन समिति के चेयरमैन सांसद डॉ संजय सिंह, पूर्व मंत्री रामकृष्ण और संगठन प्रभारी फजले मसूद की उपस्थिति में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर लिया. लेकिन राजनीतिक गलियारों में उस समय हलचल मच गई जब इनकी सदस्यता के मात्र 2 घंटे के अंदर ही पार्टी ने इनकी सदस्यता रद्द करते हुए इन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. पार्टी पदाधिकारियों ने रविवार शाम ही इन पर पार्टी के सिद्धांतों से इतर कृत्य करने का आरोप लगाते हुए तत्काल प्रभाव से बाहर कर दिया.
यूपी कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता संजय वाजपेयी ने बताया कि गौरव उपाध्याय ने रविवार को शिवसेना का साथ छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था. इस बाबत शाम 5 बजकर 55 मिनट पर प्रेस रिलीज भी जारी कर दी गई थी. इसके बाद पार्टी के पदाधिकारियों को जानकारी हुई कि क गौरव उपाध्याय जिन लोगों को अपने साथ कार्यकर्ता बताकर पार्टी ऑफिस लाया था व एक बड़े जनसमूह का खुद को समर्थन प्राप्त होने का दावा कर रहा था .दरअसल उनमें से अधिकांश दिहाड़ी मजदूर निकले. पार्टी ऑफिस में कार्यक्रम निपटा कर गौरव उपाध्याय ने इन मजदूरों को मजदूरी देने का वादा किया था लेकिन जब इन मजदूरों को इनकी मजदूरी नहीं मिली तो वे हंगामा करने लगे. इनमें से कुछ मजदूर पार्टी ऑफिस भी पहुंच गए और सच्चाई बताने लगे .
पार्टी सूत्रों की मानें तो मामले की जानकारी होते ही कांग्रेस पार्टी को फजीहत से बचाने के लिए गौरव उपाध्याय को पार्टी सिद्धांतों के विपरीत काम करने का आरोप लगाते हुए मात्र 2 घंटे में ही बाहर का रास्ता दिखाने का निर्णय ले लिया. प्रवक्ता संजय वाजपेयी ने इस बारे में 7 बजकर 41 मिनट पर प्रेस रिलीज जारी कर इसकी पुष्टि भी कर दी.
बताया जाता है की गौरव उपाध्याय बिगत 5-6 वर्षो में कई दलों का नेता बनकर कैंट विधान सभा में अपना प्रचार प्रसार कर रहा है ,क्षेत्र में इस बात की भी चर्चा है कि गौरव उपाध्याय बिगत 5-6 बर्ष पूर्व एक आम नागरिक से भी गैर गुजरा रह रहा था किन्तु एका -एक उसके पास अकूत सम्पति कैसे आ गई .
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