वैशाली। वैशाली जिले के अंतगत जंदाहा प्रखंड के शहीद अभय कुमार का पार्थिव शरीर अहले सुबह उनके पैतृक गांव लोमा पहुंचा। छतीसगढ के सुकमा में नक्सली हमले वैशाली शहीद अभय कुमार की पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव लोमा लाया गया जहां एक दिन पहले से ही लोग शव का इंतज़ार कर रहे थे। जैसे ही अभय का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा गांव में कोहराम मच गया। मात्र तेरह महीने पहले जिस अभय के साथ उसकी पत्नी तान्या ने साथ जीने की कसम खाई थी। उस अभय का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा देख तान्या बार-बार बेहोश हो जा रही थी।
आईबी ऑफिसर गायब , ढूढने में पुलिस कर रही आनाकानी
शहीद के घर पर वैशाली डीएम रचना पाटिल, एसपी राकेश कुमार सहित कई पुलिस प्रशासन के अधिकारी सुबह में पहुंच गए थे। डीएम-एसपी ने परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी। डीएम रचना पाटिल शहीद की पत्नी से भी मिली। शहीद अभय के अंतिम दर्शन के लिए हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी थी।
फैजाबाद में 20 लोगों ने अपनाया हिंदू धर्म
घाट पर डीएम-एसपी सहित प्रशासनिक और राजनेताओं ने शहीद अभय के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र चढ़ा कर अपना श्रद्धासुमन अर्पित किया। वहीं, सेना के जवानों ने मातमी धुन बजाया और गोलियों से शहीद को सलामी दी। अभय के छोटे भाई मुरलीधर ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस मौके पर अभय के चचेरे भाई और सीआरपीएफ में तैनात अजय कुमार ने कहा कि मेरा भाई बहादुर था। कभी पीछे नहीं हटा। हम चाहते हैं कि नक्सलियों का खात्मा हो।
वहीं, भाजपा के पूर्व विधायक अच्युतानंद सिंह ने बिहार के शहीद जवानों को सीएम या किसी भी मंत्री द्वारा पटना एयरपोर्ट पर श्रद्धांजलि अर्पित नहीं किये जाने को लेकर बिहार सरकार और नीतीश कुमार की संवेदनशीलता पर सवाल उठाया।
रिपोर्ट-मो एकबाल अहमद