उन्नाव. करीबचार माह पहले उन्नाव जिले के मगरवारा और छमकनाली के बीच पलटी मालगाड़ी विभागीय चूक नहीं बल्कि एक बड़े आतंकी साजिश का हिस्सा था . जालंधर से पकड़े गए संदिग्ध आतंकी गाजीबाबा ने इस बात का खुलासा किया है. कम खर्च में अधिक जानमाल के नुकसान पहुंचाने की मंशा से आतंकियों ने ट्रेनों को निशाना बनाना शुरू किया है. कुछ जगहों पर इन्हें सफलता भी मिली. मगरवारा और छमकनाली के बीच पलटी मालगाड़ी को अधिकारियों की चूक माना गया जबकि यह आतंकियों का बिछाया एक जाल था.
निशाना मालगाड़ी नहीं था
12 जनवरी 2017 की शाम 5.30 बजे कानपुर से न्यू गुवाहटी जंक्शन जा रही मालगाड़ी के 10 डिब्बे मगरवारा और छमकनाली के बीच पलट गए थे. इन डिब्बों में खाद्य सामग्री भरी थी. करीब पांच सौ मीटर तक पटरी कई धड़ों में विभाजित हो गई थी. हादसे के एक सप्ताह बाद दिल्ली से आई टीम ने इसकी जांच बिठाई. जांच में विभागीय चूक मानकर दो लोगों का तबादला कर दिया गया. 20 अप्रैल को जालंधर से पकड़े गए संदिग्ध आतंकी आसीवन थाना क्षेत्र के रसूलाबाद कस्बा के फिरोजनगर निवासी गाजीबाबा उर्फ मुजम्मल ने पूछताछ में एटीएस टीम को जो बताया वह चौंकाने वाला था.
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सूत्रों के अनुसार गाजी ने बताया कि उसका और संगठन के लोगों का मकसद है कम खर्च में अधिक जाने लेना. इसके लिए उन्होंने ट्रेनों को निशाना बनाने की योजना पर काम करना शुरू किया.
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खुफिया रिपोर्ट के अनुसार गाजी और संगठन के अन्य लोगों का मकसद मालगाड़ी को निशाना बनाना नहीं, बल्कि मालगाड़ी से 10 मिनट पहले निकली उत्सर्ग एक्सप्रेस ट्रेन था . मालगाड़ी पलटने के स्थान से आधा किमी. दूर की सारी पेंड्रोल क्लिप निकाल दी गई थी.
करीब छह दिन पहले एनआइए और एटीएस की संयुक्त टीम उन्नाव पहुंची थी
करीब छह दिन पहले एनआइए और एटीएस की संयुक्त टीम उन्नाव पहुंची, हालांकि इसकी भनक प्रशासनिक और पुलिस के किसी भी अधिकारी को नहीं लगी. सूत्रों की माने तो टीम शहर के एक होटल में रुककर आतंकी गाजीबाबा द्वारा दिए संकेतों पर काम करती रही. चर्चा यह भी है कि टीम मालगाड़ी पलटने वाले स्थान का जायजा भी लेने गई. इसके बाद वह गाजी से जुड़े लोगों को तलाशने में जुटी रही. सुराग इकट्ठा करने के लिए टीम उसके पैतृक गांव भी गई. जहां से आतंकी के कमरे से महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद कर साथ ले गई.
भगवाधारी की तलाश में जुटी टीम
सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार एनआइए और एटीएस की टीम जिले में हैं या चली गई यह बोलने को कोई तैयार नहीं है. हालाँकि टीम के कुछ सदस्य अभी भी शहर में मौजूद हैं. जो किसी भगवाधारी की तलाश कर रहे हैं. यह भगवाधारी और कोई नहीं गाजी का साथी है , जिसके सके पकड़े जाने की संभावना जताई जा रही है.
रिपोर्ट -जय सिंह /योगेन्द्र गौतम
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