लखनऊ .उत्तर प्रदेश के विगत विधान सभा चुनाव में प्रबल हिन्दूवाद का नारा बुलंद कर भाजपा ने सत्ता हासिल कर पूर्वांचल में हिन्दुत्व के पितामह के रूप में चर्चित गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद का ताज सौप कर कट्टर हिंदूवादी छवि को दिखाने का प्रयाश किया था किन्तु इसी भाजपाई सरकार में हिन्दू धर्म परिवर्तन करने को विवस है .
योगी सरकार को हिन्दू दलित विरोधी सरकार के रूप में सहारनपुर इलाके में देखा जाने लगा है . सहारनपुर में हुए सांप्रदायिक विवाद के बाद से ही दलित हिन्दू समाज के लोग योगी सरकार में असुरक्षित महसूस कर रहे है .विगत दिनों दलित समाज के अनेक लोगों ने शासन और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए देवी-देवताओं के प्रतिमाओं का विसर्जन नहर में कर 180 परिवारों ने हिन्दू धर्म छोड़ने का एलान कर दिया . उन लोगो का आरोप था कि दलित समाज का उत्पीड़न हो रहा है .इस भाजपा सरकार हिन्दू वाद का ढ़ोग कर कुछ जातियों को विशेष संरक्षण प्राप्त है , योगी सरकार अन्याय का विरोध करने वाले भीम आर्मी के खिलाफ फर्जी कार्रवाई को अंजाम दे रही है जो गलत है.भाजपा के दिखावती हिन्दू प्रेम के विरोध स्वरूप वह हिन्दू धर्म को त्याग रहे हैं.
सहारनपुर जनपद के गांव रुपड़ी, कपूरपुर, ईघरी, उनाली और बाढ़ी माजरा के दलित परिवारों के सैकड़ो लोग गुरुवार को मानकमऊ पर स्थित बड़ी नहर के छठ पूजा घाट पर पहुच कर शासन और प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. इन लोगों का कहना था का सहारनपुर में हुर्ई हिंसा के मामले में भीम आर्मी और दलित समाज के लोगों के खिलाफ जो कार्रवाई हो रही है, उससे वह काफी निराश हैं, पूरे समाज में इसको लेकर जबरदस्त आक्रोश है. भीम आर्मी के लोगों पर झूठे फर्जी मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. दलित समाज के लोगों का विधिवत उत्पीड़न हो रहा है. हमारी गिनती हिन्दुओं में होती है, लेकिन कोई सुविधा नहीं मिल रही .
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