पटना ब्यूरो
पटना .राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव द्वरा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा पर जारी जुबानी जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केंद्र सरकार के विभागों को हथियार बनाकर राजद सुप्रीमो को धराशाई करने के प्रयाश में लींन हो गए है .केंद्र की सत्ताशीन मोदी सरकार राजद सुप्रीमो को कानूनी उलझनों में फसाकर लालू यादव द्वरा जारी विपक्षी एकजुटता की कोशिश को धराशाई करने की रणनीति पर कार्य कर रही है .इनकम टैक्स के छापे की लौ अभी ठंडी भी नहीं पड़ी थी कि केंद्र सरकार ने लालू यादव के परिवार के स्वामित्व में निर्माणाधीन मॉल के काम पर तुरंत रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है.
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार का 750 करोड़ की लागत से बन रहे बिहार के सबसे बड़े मॉल के निर्माण कार्य में केंद्र सरकार ने ग्रहण लगाकर लालू यादव को परेशानी में डालने का कुचक्र रचा है ,भारत सरकार ने पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में निर्माणाधीन मॉल के काम पर तुरंत रोक लगाने का आदेश दिया है.
सनद रहे पूर्व में भाजपा नेता सुशील मोदी ने अरोप लगाया था कि यह संपत्ति लालू यादव की बेनामी है और इसका निर्माण पर्यावरण के नियमों की अनदेखी करते हुए किया जा रहा है. पिछले साल इस मॉल का निर्माण स्टेट इन्वायरमेंटल इंपैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी की बिना अनुमति के शुरू कर दिया गया और जब यह पूरा मामला मीडिया में उजागर हो गया तो आनन-फानन में उपमुख्यमंत्री और लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने पर्यावरण की मंजूरी के लिए 20 अप्रैल को अर्जी दाखिल किया .
फिरहाल जानकारों का कहना है की लालू प्रसाद यादव लोकसभा चुनाव 2019 हेतु भाजपा विरोधी दलों को एक मंच पर लाने के प्रयाश में संलगन है ,जिस कारण लालू के मिशन की कामयाबी पर सत्ताशीन भाजपा के लिए खतरा उत्पन्न हो सकता है ,जिस खतरे को देखते हुए नरेन्द्र मोदी की सरकार द्वेष की भावना के साथ लालू परिवार का उत्पीडन करने पर अमादा है .
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