हाईकोर्ट में मिला बिस्फोटक ,सुरक्षा की पोल खुली - न्यूज़ अटैक इंडिया
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हाईकोर्ट में मिला बिस्फोटक ,सुरक्षा की पोल खुली

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लखनऊ . स्थायी नौकरी का इनाम मिलने के आस में एक व्यक्ति ने कड़ी सुरक्षा वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के अंदर विस्फोटकों से भरा एक प्लास्टिक बैग रख कर हाईकोर्ट से लगायत स्थनीय पुलिस के हाथ पाँव फुलाने में कोई कोर कसर नहीं बाकी रखा वही उस व्यक्ति ने हाईकोर्ट की चाक चौबंद सुरक्षा की पोल खोल दी .पुलिस ने दावा किया कि उसने उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने कथित तौर पर घटनास्थल पर पैकेट रखा था और बाद में उसी ने इस उम्मीद में पुलिस को सूचना दी कि सतर्क करने के लिए उसे स्थायी नौकरी का इनाम मिलेगा.

इलाहाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शलभ माथुर ने शुक्रवार शाम कहा कि संतोष कुमार अग्रहरि हाईकोर्ट में बीते एक दशक से अस्थायी रूप से काम करता था. उसे गुरुवार रात की सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद गिरफ्तार किया गया. फुटेज में उसकी गतिविधियां रहस्यमय और संदिग्ध लगती हैं.

श्री माथुर ने कहा कि हमने अग्रहरि को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया. हालांकि उसी ने अदालत कक्ष में प्लास्टिक बैग के पड़े होने की सूचना दी थी। अग्रहरि ने स्वीकार किया कि उसने खुद पैकेट तैयार किया था और मौके पर रखा था और फिर इसकी सूचना इस उम्मीद से दी थी कि इसके लिए उसकी सरहाना की जाएगी और हाईकोर्ट में स्थायी नौकरी के तौर पर उसे इनाम दिया जाएगा.
श्री माथुर ने कहा कि अमेठी से ताल्लुक रखने वाला अग्रहरि यहां अपने परिवार के साथ रहता है. उसने बताया किया कि उसे स्थायी नौकरी की बेहद जरूरत है. हताशा में, उसने एक पैकेट तैयार किया और उसमें एक लंच बॉक्स रखा, जिसमें बारूद में सनी एक प्लास्टिक गेंद रखी और इसे एक खतरनाक बम की तरह बनाया. उसने प्लास्टिक बैग के अंदर अच्छी मात्रा में पटाखे भी रखे.

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माथुर ने कहा कि इसी के साथ अग्रहरि ने यह भी माना है कि उसने पैकेट में छोटे चाकू का ब्लेड भी छुपाया था, जो बम के टुकड़े की तरह दिखता है. हम इन सब चीजों को फोरेंसिक परीक्षण के लिए भेज रहे हैं. एसएसपी ने कहा कि अग्रहरि के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

हाईकोर्ट परिसर के चारों ओर व्यापक सुरक्षा व्यवस्था है, जहां पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों के सैकड़ों कर्मी 24 घंटे तैनात रहते हैं और उनकी सहायता के लिए 200 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं फिर भी हाईकोर्ट के अन्दर इस प्रकार की घटना यह साबित करती है किकही न कही हाईकोर्ट की सुरक्षा में छेद है .

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