लखनऊ. पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सहारनपुर पिछले बीस -इक्कीस दिनो से सुर्खियों में है. दलितों और राजपूतों के बीच हुई हिंसा के बाद फैले तनाव को काबू करने के लिए प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी. प्रशासन कि मेहनत रंग लाई जिसके कारण सहारनपुर में फिलहाल शांति है किन्तु इस सांति के बीच लोगो कि आहत हुई भावनाए उन्हें अन्दर ही अन्दर झकझोर रही ,जिनका पुत्र ,पिता ,भाई इस दंगे में आसामायिक मृत्यु कि गोद में समां गया है उनके घर आज मातमी शांति है ,निर्दोष मृतको के घर वाले मृत व्यक्ति को भूल नहीं पा रहे है .
सहारनपुर के दंगा ग्रस्त क्षेत्रो के दलित समाज ने स्वीकार किया है कि उनके मन में दर घर कर गया है वही मृतको कि वजह से गमजदा भी है . क्षेत्र के ठाकुरो का कहना है कि वो भी दहशत में हैं.इस घटना का दोष् अब भी ठाकुर भीम आर्मी पर मढ़ रहे है , ठाकुरों का कहना है कि सारे बवाल की जड़ भीम आर्मी है. इलाके में मानो कर्फु का माहौल है ,चप्पे -चप्पे पर वर्दीधारियों का पहरा कायम है ,इन्टरनेट की बंदी ने भी यहाँ के हालत को सुधारने में अहम् भूमिका का निर्वहन कर रहा है ,डर इस कदर हाबी है कि शाम ढलते ही यहाँ के लोग घरो में दुबक जाते है .
सहारनपुर कि शांति को मौका परस्त नेताओ ने ही आग लगाई ,वरना वर्षो से शांत सहारनपुर का यह इलाका एकाएक जल ना उठता .प्रशासन ने पूर्व से ही वोटो के सौदागर नेताओ को इन इलाको में पाबंदी लगा दी होती तो हालत कुछ और होता किन्तु समय रहते प्रशासन चेती नहीं फिरहाल प्रशासन इस वक्त दंगा ग्रस्त इलाको में सभी धर्म जातियों को इकठा कर बैठकों का दौर चला रहा है ,जिस बैठको के सहारे आपसी भाईचारे को बहाल करने प्रयाश किया जा रहा है.
राज्य के गृह सचिव, एडीजी और डीएम-एसएसपी समेत बड़े अफसर शब्बीरपुर गांव का दौरा कर चुके हैं. लोगों को समझाने-बुझाने का प्रयाश हुआ है लेकिन प्रशासन को भी लगता है कि हिंसा ने इस गांव को जो गहरे जख्म दिए हैं, उन्हें भरने में अभी वक्त लगेगा.
विगत दिनों हुई गिरफ्तारी को लेकर अभी भी लोगो में उबाल है ,इस बात कि जानकारी प्रशासन को भी है ,शांति बहाली को यथावत बनाए रखने हेतु प्रशासन को इस दिशा में भी सार्थक कदम उठाए जाने कि उम्मीद भी इलाकाई लोगो में है .
श्रोत -बिभिन्न समाचार माध्यम
(खबर कैसी लगी बताएं जरूर. आप हमें फेसबुक, ट्विटर और गूगल प्लस पर फॉलो भी कर सकते हैं.)