लखनऊ .उत्तर प्रदेश में अपराध का बोलबाला चरम सीमा पर है ,क़ानून व्यवस्था पर से सरकार का नियंत्रण रह ही नहीं गया ,बिगड़ी कानून व्यवस्था पर प्रदेश के राज्यपाल राम नायक ने भी तल्ख़ टिप्पणी किया है किन्तु आज राजधानी में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर छात्रों ने विधानसभा का घेराव किया तो अपराधियों पर लगाम लगाने में असफल खाकी वर्दीधारीयो ने निहत्थे छात्रों पर जम कर लाठिया भाज बहादुरी का परिचय दिया है .
अपराध मुक्त प्रदेश का दावा करने वाली सरकार में हर रोज हत्या, बलात्कार, डकैती, लूट औऱ छेड़खानी की घटनाएं घट रही हैं. बढ़ रहे अपराधों खिलाफ देश भर के छात्र आज विधान का घेराव कर विरोध जताने का शांति पूर्वक प्रयाश कर रहे थे किन्तु अपराधियों के आगे नतमस्तक लखनऊ पुलिस ने बड़ी बेरहमी से प्रदर्शनकारी छात्रों को दौड़ा -दौड़ा कर पीटा ,इस पिटाई में कई छात्र घायल हो गए .
लखनऊ पुलिस को ख़ुफ़िया जानकारी के आधार पर बड़े पैमाने पर छात्रों के जुटने की सूचना मिल चुकी थी. छात्रों के इस विरोध प्रदर्शन को रोकने हेतु विधानसभा के पास पहले ही भारी संख्या मे पुलिस बल तैनात कर दिया गया था. छात्रों का हुजूम जब इकठ्ठा हुआ तो पुलिस ने निहत्थे आंदोलनकारी छात्रों को तितर – बितर करना शुरू कर दिया. जब पुलिस के इस प्रयाश का छात्रों ने विरोध किया तो पुलिस ने छात्रों पर लाठीया भाजनी शुरू कर दिया . लखनऊ पुलिस की इस बर्बरतापूर्ण कार्रवाई में जेएनयू छात्र और यूनाईटेड ओबीसी फोरम के संयोजक दिलीप यादव समेत कई छात्र गंभीर रूप से चोटिल हो गए .
पुलिस के बर्बर लाठीचार्ज की तुलना छात्रों ने अंग्रेजी शासन द्वारा आजादी की लड़ाई लड़ने वाले क्रांतिकारियों पर हमले से करते हुए कहा कि आजादी से कुछ नहीं बदला. सिर्फ सत्ता गोरे अंग्रेजों के हाथ से छूटकर काले भारतीयों के हाथ में आ गई है. पुलिस का रवैया आज भी अंग्रेजी शासन वाला चला आ रहा है .
ज्ञात रहे कि बुंलदशहर हाईवे पर चार मुस्लिम महिलाओं के साथ हुए बलात्कार की घटना के विरोध में जेएनयू, डीयू, लखनऊ यूनिवर्सिटी, पटना यूनिवर्सिटी, और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, के छात्रों ने आज लखनऊ में विधानसभा के घेराव की घोषणा की थी. विश्वविद्यालय के छात्रों के अलावा अन्य नागरिक संगठन भी बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. पुलिस द्वारा छात्रों और अन्य नागरिक संगठनों पर की गई कार्रवाई की कड़ी निंदा हो रही है.
छात्रों पर हुए लाठी चार्ज का अनेक राजनैतिक दलों ने विरोध किया है . यूवा जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ आर एस सिंह पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री से प्रदेश कि क़ानून व्यवस्था संभाली नहीं जा पा रही है किन्तु निहत्थे आंदोलनकारी छात्रों पर पुलिसिया दमन करवाकर युवाओ की आवाज दबाने का प्रयाश निराशाजनक है ,इस घटना कि जितनी निंदा की जाय कम है .
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