बीघापुर,उन्नाव। विकास खण्ड बीघापुर की ग्राम सभा मगरायर में मनरेगा में हुए घपले की डीएम व सीडीओ से ग्रामीणों द्वारा की गई षिकायत पर बीती 24 मई को उपायुक्त मनरेगा व अभियन्ता डीआरडीए द्वारा स्थलीय जांच कर आख्या सक्षम आधिकारियों को दी थी।जिसमें बडे़ पैमाने पर घोटाला सिद्ध हुआ था।जिसके बाद घोटालेबाज ग्राम प्रधान ने खीझ निकालते हुए विकास खण्ड के अन्य ग्राम प्रधानों की लामबन्दी की थी और षासन प्रषासन के विरुद्ध ही ताल ठोकी थी कि अब ग्राम सभा में विकास सम्बधी कोई कार्य नहीं कराए जाएंगे। इस बीच षिकायतकर्ता व आरटीआई कार्यकर्ता ने आयुक्त ग्राम्य विकास को एक पत्र भेजा है जिसमें भ्रश्टाचार के दोशियों से विकास की धनराषि की रिकवरी करने व इनके खिलाफ एफआईआर कर कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है।
बताते चलें कि उक्त ग्राम सभा में रमसगरा तालाब के खुदाई व सौन्दर्यीकरण में रु0 3 लाख 95 हजार के सापेक्ष मात्र रु0 1 लाख 96 हजार तथा एक नाले की खुदाई में रु0 1 लाख 45 हजार के सापेक्ष मात्र रु0 68 हजार ही खर्च किए गए थे।इस प्रकार कुल 2 लाख 42 हजार रु0 का घोटाला ग्राम सभा में उपरोक्त जांच अधिकारियों की पकड़ में आया है।जिसकी रिपोर्ट जनपद के ईमानदार व कर्मठ मुख्य विकास अधिकारी ने 25 मई 2017 को आयुक्त ग्राम्य विकास को प्रेशित कर दी है। अब जब घोटाला सिद्ध हो चुका है तो षिकायतकर्ता ग्रामीण संजीव कुमार मिश्रा ने आयुक्त गा्रम्य विकास को भेजे पत्र में मांग की है कि भ्रश्टाचार में संलिप्त सभी धन की रिकवरी की जाए तथा इनके ऊपर एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्यवाही भी की जाए।इस आषय के पत्र सूचनार्थ जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य सचिव,उपमुख्य मंत्री,मुख्य मंत्री व राज्यपाल उ0प्र0 षासन को भी भेजे हैं।अब देखना होगा कि इन भ्रश्टाचारियों के खिलाफ कार्यवाही होती है अथवा नहीं।सरकार की भ्रश्टाचार व भ्रश्टाचारियों के विरुद्ध जीरो टोलरेन्स की नीति प्रदर्षित होगी की नहीं।यह देखने वाली बात होगी।
रिपोर्ट:डॉ.मान सिंह
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