व्ह्ट्सअप ग्रुप बना आई ए एस बनाने का कारखाना - न्यूज़ अटैक इंडिया
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व्ह्ट्सअप ग्रुप बना आई ए एस बनाने का कारखाना

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नई दिल्ली.आज कल व्ह्ट्स अप देश के हर नौजवान के फोन में मिल जएगा ,उसी व्ह्त्साप पर ब्यंग,अश्लीलता के भंडार की भरमार भी होगी किन्तु एक निष्ठावान यूवा समाज की दिशा और दशा बदलने के फन में मस्तमौला है जिस के प्रयाश से आज देश की उच्च परीक्षा आई ए एस में नौजवान उस हरफन मौला व्यक्ति द्वारा संचालित व्हात्साप ग्रुप के सहयोग से आगे निकल रहे है .
इस व्हाट्स अप ग्रुप को कैसे समाज की ताकत बनाया जाए ये भी एक मिशन से कम नहीं. ऐसा ही एक ग्रुप है जो ना सिर्फ आईएएस की तैयारी कर रहे छात्रों को उनकी जरूरत का स्टडी मटेरियल उपलब्ध कराता है बल्कि वर्तमान आईएएस अधिकारियों से सम्पर्क कर ग्रुप में ही वर्कशॉप भी आयोजित कराता है.

जी हां इस ग्रुप का नाम है सरदार पटेल स्टूडेंट सपोर्ट प्रोग्राम. इस बार इस प्रोग्राम में शामिल तीन छात्रों का चयन देश की सबसे बड़ी परीक्षा मानी जाने वाली आईएएस में हुआ है. पिछड़े- दलित एवं आर्थिक रूप से शोषित एव निर्बल छात्रों के लिए चलाए जा रहे इस प्रोग्राम ने साल के दूसरे ह पायदान पर क़दम रखते ही इतनी बड़ी सफलता प्राप्त की है.

जिस कारण इस व्हात्साप ग्रुप के सहयोग से —

 

  • सूरज पटेल पुत्र मनोज कुमार पटेल कुआंखेड़ा घाटमपुर- रैंक 602
  • आकाश पटेल पुत्र बाबूराम वर्मा फतेहपुर निवासी- रैंक 721
  • आदित्य पटेल पुत्र विजय नारायण उत्तम ,फतेहपुर के चकलालपुर जलाला निवासी- रैंक 919

इस प्रोग्राम में छात्रों से किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को परीक्षा की तैयारी के लिए सहयोग भी उपलब्ध कराया जाता है. यह कार्यक्रम मुख्य रूप से कई स्वयंसेवकों के द्वारा चलाया जा रहा है. कोई भी व्यक्ति जिसने की सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की हो वह इसमें स्वयंसेवक की तरह मेंटर बन सकता है. हां इस कार्य के लिए उसे किसी प्रकार का कोई भुगतान नहीं किया जाता है. क्योंकि ये स्वयं में एक सेवा है.

इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि छात्रों को कहीं भी जाने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। कोई भी छात्र केवल व्हाट्सअप ग्रुप के माध्यम से अपने घर में रहकर पढ़ाई कर सकता है। इस प्रोग्राम में भाग लेने के लिए उसे केवल इनके व्हाट्सअप नम्बर 9532748860 पर अपना विवरण भेजना होता है।

इस पूरे कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता यह इनका कोई बैंक खाता नहीं है। इस बारे में संयोजक अमरेश उमराव का कहना है कि हम सीधे किसी प्रकार के धन का कोई लेन-देन नहीं नहीं करते हैं. इसलिए हमारा कोई बैंक खाता नहीं है. सीधे सहयोग देने वाले को छात्र का एकाउंट नम्बर दिया जाता है. विश्व में अपनी तरह का शायद यह पहला प्रयोग है जिसमें की कोई संस्था बिना किसी खाते के लोगों को आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराती है.

इस प्रोग्राम में मेंटर के रूप में छात्रों का मार्गदर्शन करने वाले आईआरएस ऑफीसर मनोज पटेल कहते हैं – मैंने बेहद ही ग्रामीण परिवेश में रहकर पढ़ाई की है। जब मैं उन छात्रों का मार्गदर्शन करता हूँ तो मुझे लगता है कि मैं अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभा पा रहा हूँ।

इस व्हात्साप ग्रुप के कर्ताधर्ता अमरेश पटेल का कहना है कि – हमारा सपना है कि किसी छात्र की पिछड़ी सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति उसकी यूपीएससी की तैयारी में कोई बाधा न बने। श्री उमराव बोले कि उन्हें देखकर खुशी होती है कि अगर ग्रुप में कोई छात्र किसी विषय पर नोट्स मांगता है तो दो से तीन घंटे में ही ग्रुप में उस विषय पर दर्जनों नोट्स आ जाते हैं.

खैर जो भी हो उत्तर प्रदेश से कमजोर एवं पिछड़े छात्रों के लिए इस तरह का कोई प्रोग्राम अपने आप में नजीर है.

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