भाजपा से जुड़े व्यवसायी एवं उसके गुर्गों ने की पत्रकार की धुनाई - न्यूज़ अटैक इंडिया
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भाजपा से जुड़े व्यवसायी एवं उसके गुर्गों ने की पत्रकार की धुनाई

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बस्ती .हिन्दुस्तान अखबार के छायाकार अजय श्रीवास्तव के साथ दबंग कपड़ा व्यवसायियों द्वारा अपमानजनक व्यवहार किये जाने का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद से पत्रकारों में आक्रोश है।

मिली जानकारी के अनुसार गोरखपुर से प्रकाशित एक दैनिक बड़े अखबार के छायाकार अजय श्रीवास्तव गांधीनगर में सड़क की पटरियों पर फैले अतिक्रमण का फोटो कवरेज हेतु पहुँचा था , उन्हे ऐसा करता देख कपड़े की दुकान पर तैनात गार्ड ने मालिक को जाकर इसकी सूचना दे दी।

गार्ड कीं सूचना पर पहुँचा कपड़ा व्यवसायी बीच सड़क पर गुंडागर्दी पर उतर आया और अपने दर्जनों स्टाफ को बुला लिया, अजय को अकेला पाकर उन्हे अपमानित किया और देख लेने की धमकी दी। इस दौरान दुकानदार और गुर्गों द्वारा हाथापाई करने के कारण उन्हे छिटपुट चोटें भी आयीं।बताया जा रहा है कि उक्त कपड़ा व्यवसाई भाजपा का सक्रिय कार्यकर्ता हैं जो कि आर एस एस के किसी भी कार्यक्रम में दानवीर की भूमिका में खड़ा रहता है .घटना को लेकर पत्रकार कपड़ा व्यवसायी और उसके गुर्गों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं।

सनद रहे बस्ती जनपद मुख्यालय पर अतिक्रमण एक बड़ी समस्या बन चुका है। प्रशासन की ओर से शहर को अतिक्रण से मुक्त कराने को किये जा रहे तमाम प्रयास बेनतीजा दिखते हैं। इसके तीन कारण हैं, पहला यह कि अतिक्रमणकारियों को सिर्फ हटाया जाता है उन पर कोई दण्ड नही लगाया जाता इसलिये यह महज पुलिस और अवैध कब्जेदारों के बीच एक खेल बनकर रह जाता है। दूसरा यह यह कि प्रशासन भी खुद को पक्षपातपूर्ण कार्रवाई से बचा नही पाता। अतिक्रमण हटाने की सारी इच्छाशक्ति गांधीनगर पहुंचकर क्षीण हो जाती है, कारण यह कि प्रशासन यहां के व्यवसायियों को नाराज नही करना चाहता। तभी तो अभियान चाहे रोडवेज से चलकर यहां पहुचे अथवा कम्पनी बाग से यहां आकर दम तोड़ देता है।

तीसरा बड़ा कारण यह है कि अतिक्रमण हटाने में सिर्फ बहादुरी नही है, पहले समस्या का निदान ढूढ़ना होगा, किसी को उजाड़ने से पहले उसे बसाने की व्यवस्था होनी चाहिये। गांधीनगर में पार्किंग की समस्या पुरानी है। प्रशासन आज तक इसका हल नही ढूढ़ पाया। गांधीनगर को बस्ती का कनॉट प्लेस कहा जाये बुरा नही होगा। रोजाना यहां करोड़ों का व्यापार होता है, दुकानों के सामने बाइक खड़ी होने से सड़क की पटरियां गायब हो जाती हैं। अब यहां आने वाले ग्राहकों को पार्किंग की व्यवस्था तो देनी ही होगी। इसमें न तो दुकानदार दोषी है और न ही ग्राहक। जब तक पार्किंग का ठोस प्रबंध नही होगा समस्या यथावत बनी रहेगी। रही बात पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार की तो इससे कपड़ा व्यापारी का आपराधिक चरित्र उजागर हुआ है। प्रशासन को इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिये।

रिपोर्ट :बस्ती संवाददाता

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