गोदी मीडिया खामोश , तानाशाही के खिलाफ कर्मचारियों की फ़ौज
नई दिल्ली। अक्टूबर माह के पहले दिन रविवार ने दिल्ली का नजारा बदल दिया था। एनसीआर के रेलवे स्टेशनों व बस अड्डों से रामलीला मैदान तक की सड़क पर सरकारी कर्मचारियों का रेला उमड़ पड़ा था। हक़ , हकूक एवं जोश ने विशालकाय रामलीला मैदान को ओवरफ्लो कर दिया था । पुरानी पेशन योजना की बहाली को लेकर इन सरकारी कर्मियोंं ने एकजुट ऐसी हुंकार भरी की केंद्र पर काबिज प्रधानमंत्री की कुर्सी हिल गई। गगनभेदी नारों से दिल्ली दहल उठा । केंद्र सरकार के अलंबरदारों एवं ख़ुफ़िया अधिकारियो के कान खड़े हो गए , उन्हें एहसास ही नहीं था की देश भर से इतने लोगो की आमद दिल्ली में होगी की देश का दिल दिल्ली कर्मचारियों की जयकारो से दहल उठेगा।
इस महारैली में उत्तर प्रदेश के ही नहीं अपितु देश के अधिकांश हिस्सों से भारी संख्या में सरकारी कर्मचारी पहुंचे थे। इनमें शिक्षकों की संख्या ज्यादा थी। महारैली के समर्थन में कई पार्टियों के नेता, किसान नेता समेत कई संगठन के कार्यकर्ता मौजूद थे। उनका कहना था कि सरकार अपनी जिद नहीं छोड़ती है तो इससे भी बड़ा आंदोलन पूरे देश में किया जाएगा। २०२४ का लोकसभा चुनाव की तैयारी प्रारम्भ कर चुकी सत्तारूढ़ दाल भाजपा के लिए केंद्र व राज्य सरकार के 10 करोड़ कर्मियों की यह संख्या निर्णायक साबित होगी।
शंखनाद महारैली का आयोजन नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) के बैनर तले किया गया था । एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने इस मौके पर कहा कि पुरानी पेंशन कर्मियों का अधिकार है, सरकार से खैरात नहीं मांग रहे हैं। सरकारी कर्मियों, पेंशनरों और उनके रिश्तेदारों को मिलाकर यह संख्या दस करोड़ के पार है। चुनाव में बड़ा उलटफेर करने के लिए यह संख्या निर्णायक साबित होगी। पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और झारखंड में पुरानी पेंशन बहाल की जा चुकी है। जब भारत आर्थिक रूप से मजबूत हो चुका है तो फिर पेंशन क्यों नहीं दे सकता। सरकार बातें नहीं मानती तो जल्द ही वोट फॉर ओपीएस अभियान चलाया जाएगा।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना पर मांगें एकदम जायज एवं कर्मचारियों का हक है। सरकार को इसे लागू करना चाहिए।
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा कि पुरानी पेंशन स्कीम को पूर्ण समर्थन है। देश का किसान इस लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर चलेगा और इसे मजबूती से लड़ने का काम करेगा।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि देश के कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 40 दिन विधायक सांसद रहने वाले को पूरी जिंदगी पेंशन तो 40 साल काम करने वाले कर्मचारी को पेंशन क्यों नहीं दी जाती। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नारा है ‘जहां आप का शासन वहां पुरानी पेंशन’।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा कर्मचारियों के हितों को सर्वोपरि रखा है। कांग्रेस पार्टी की जिन राज्यों में सरकारें हैं, वहां कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के आदेशानुसार पुरानी पेंशन को लागू किया जा रहा है। दिल्ली में कांग्रेस की सरकार आने पर सबसे पहले सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू किया जाएगा।
इस मौके पर पूर्व सांसद डॉ. उदित राज ने कहा कि इंडिया की सरकार यानी कांग्रेस की सरकार केंद्र में आई तो पहले दिन ही पुरानी पेंशन बहाल की जाएगी। वह नई पेंशन योजना का पूर्णत: विरोध करते हैं। सरकारी कर्मचारियों की रैली से मोदी सरकार के खिलाफ बिगुल बज चुका है, 2024 में भाजपा का जाना तय है, क्योंकि देश भर के सरकारी कर्मचारी मोदी सरकार के खिलाफ मतदान करेंगे।