लखनऊ| उत्तर प्रदेश में सियाशी तापमान धीरे –धीरे उफान ले रहा है |राजनैतिक पार्टीया अपनी अपनी गोटिया सेट कर तो रही ही है किन्तु परिवार में मचे कोहराम से आहत मुलायम सिंह यादव बिहार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में महागठबंधन कर चुनावी समर में बीजेपी को पटखनी देने का ताना बाना बुन रहे है परन्तु दिलचस्प यह है कि बिहार में महागठबंधन को झटका देने वाले मुलायम सिंह को उत्तर प्रदेश में मुलायम के नेतृत्व में बन रहे महागठबंधन को बिहार के मुख्यमंत्री जद यू सुप्रीमो नीतीश कुमार झटका दे सकते है |कांग्रेस स्ट्रैटजिस्ट प्रशांत किशोर और मुलायम सिंह यादव की मुलाकात के बाद यूपी में महागठबंधन की चर्चा तेज हो गई है। 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं। बीजेपी को रोकने के लिए कांग्रेस, सपा, आरएलडी और जदयू को साथ लाने की मुलायम की रणनीति है । चर्चा है कि राहुल गांधी भी अखिलेश यादव का नाम आगे बढ़ाने पर महागठबंधन में शामिल होने को सहमत हैं। इस बीच, मुलायम सपा के 25 साल पूरे होने के मौके पर लखनऊ में रजंत जयंती कार्यक्रम के बहाने सबको एक मंच पर लाने की कोशिश में लगे हैं। हालांकि, बिहार के सीएम नीतीश कुमार सपा के रजंत जयंती कार्यक्रम में नहीं आएंगे।
http://newsattack.in/?p=858
सूत्रों के मुताबिक, मुलायम सिंह के साथ प्रशांत किशोर की 3 घंटे तक चली मीटिंग में गठबंधन के स्वरूप पर चर्चा हुई।मुलायम ने प्रशांत को लखनऊ में 5 नवंबर को होने वाले रजत जयंती समारोह के बाद बात आगे बढ़ाने का भरोसा दिलाया। बताया जा रहा है कि यूपी में बीजेपी को रोकने के लिए कांग्रेस, सपा, आरएलडी और जदयू का गठबंधन हो सकता है। दिल्ली में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शरद यादव और केसी त्यागी से पार्टी की स्ट्रैटजी पर चर्चा की।सनद रहे बीते 28 अक्टूबर को शिवपाल यादव ने दिल्ली में अजित सिंह और प्रशांत किशोर से मुलाकात की थी और शिवपाल ने महागठबंधन बनाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन इस मुद्दे पर मुलायम की चुप्पी के कारण बाकी नेताओं ने संशय जाहिर करते हुए महागठबंधन की पहल में जल्दी नहीं दिखाने के संकेत दिए।