पिछड़े समाज के नेताओ के लिए नसीहत हैं भाजपा विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ? - न्यूज़ अटैक इंडिया
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पिछड़े समाज के नेताओ के लिए नसीहत हैं भाजपा विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ?

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जेल में ब्राह्मणो द्वारा हत्याएं शुरू होंगी जैसी विवादास्पद चेतावनी ?

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव 16 अक्टूबर को फतेहपुर पहुंच मृतकों को श्रद्धांजलि देंगे

अभिषेक पटेल

देवरिया कांड के बाद से ही उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण वर्सेज यादव की लहर चल पड़ी है , हिंदुत्व का झंडा बुलंद करने वाले तमाम धर्मावलंबी भी इस जंग में कूद बेतुके बयान देकर ब्राह्मणो वर्सेज यादव करने से बाज नहीं में आए ,यह वही धर्मावलम्बी है जिनके कथा व प्रवचनों में पिछड़ा व दलित समाज का जनसमूह इक्क्ठा होकर दान – दक्षिणा कर इनके जीवोकोपर्जन सहित ऐशो आराम के साधन मुहैया करवाता है ,वहीं देवरिया से सदर विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने भी सिर्फ ब्राह्मण समाज को न्याय दिलाने का परचम बुलंद कर दिया , वह भूल गए की उनकी जीत में ब्राहम्णो का ही सहयोग नहीं बल्कि 85 प्रतिशत दलित पिछड़े समाज का भी योगदान था , इनके पूर्व भी पिछड़ा समाज के कई जनप्रतिनधि इस इलाके का प्रतिनिधित्व कर सभी समाज के साथ जुड़ दुःख सुख के भागीदार बने रहे , विधायक शलभ मणि त्रिपाठी का बतौर जनप्रतिनधि होने के नाते हर वर्ग व समाज का प्रतिन्धित्व इनके कंधे पर है , जिस दल से विधान सभा की चौखट पर कदम रखने में सफल हो पाए वह दल भी सार्वजनिक मंचो से सबका साथ – सबका विकास की बात करतें हुए आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पिछड़ा व दलित समाज में मजबूत पकड़ बनाने के उद्देश्य से तमाम कार्यक्रम करते हुए खुद को पिछड़ा एवं दलित वर्गों का सच्चा हितैसी होने का दम्भ भर रहा है , चुनावी समर में पिछड़ा एवं दलित को सब्जबाग दिखाने में माहिर भाजपा के ही विधायक शलभ मणि त्रिपाठी द्वारा सिर्फ ब्राह्मण समाज को न्याय दिलाने की वकालत करना क्या भाजपा एजेंडे का उदाहरण है । ब्राह्मण वर्सेज यादव के मुद्दे पर यदि पिछड़ा दलित वर्ग चौकन्ना हुआ तो आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को बेहद नुकसान का सामना करना पड़ सकता है ।

देवरिया की घटना के पीछे किसी बड़े साजिस की आशंका से इंकार नही किया जा सकता जिसकी सीबीआई जांच की मांग होनी चाहिए न कि जातिगत विद्वेष फैलाकर राजनीतिक रोटी सेकी जाय सर्वविदित है कि सत्य प्रकाश दुबे के छोटे भाई ज्ञान प्रकाश उर्फ साधु दुबे ने 2014 में अपने हिस्से की भूमि का बैनामा पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम चंद यादव व उसके भाई रामजी यादव के नाम से की थी। इसके बाद से ही दोनों पक्षों में तनाव शुरू हो गया था। भूमि बैनामा करने के बाद साधू बहुत दिनों तक प्रेमचंद के घर रहा। कुछ माह पहले वह कमाने के लिए बाहर चला गया था , प्रेमचंद यादव उक्त जमीन पर न केवल काबिज था बल्कि उसमें वर्षो पूर्व प्रेमचंद यादव व सत्यप्रकाश दूबे में सुलह – समझौता भी हो गया था। जब कोई वाद-विवाद नहीं था तो समाचारों के अनुसार सत्यप्रकाश दूबे ने प्रेमचंद यादव को फोन कर घर क्यो बुलाया , यदि सत्यप्रकाश दुबे ने नही बुलाया तो फिर उनके घर किसने बुलाया जिसके बाद प्रेमचंद यादव की हत्या हो गई।

मृतक प्रेमचंद्र यादव की बड़ी बेटी ने कहा कि पापा को सुबह कॉल आया था. जिसके बाद वो उनके घर की तरफ गए. लेकिन वहां जाते ही उनको मार दिया गया. उनकी पहले से ही प्लानिंग थी. पापा खेत पर बाइक खड़ा किए थे. वो लोग बाइक लेकर अपने घर चले गए. जब पापा बाइक लेने गए तो उन लोगों ने उन्हें जान से मार दिया. अगर उन्हें इंसाफ चाहिए तो हमको भी इंसाफ मिलना चाहिए. जैसे वो चाहते हैं कि हमारी फैमिली को फांसी हो वैसे मैं भी चाहती हूं कि उनके परिवार वालों को फांसी हो। प्रेमचंद्र यादव की तीन बेटियां हैं. दो बाहर रहकर पढ़ाई करती हैं.

प्रेमचंद्र की पत्नी ने बताया था कि घटना वाले दिन सुबह उनको कोई फोन आया था. हम चाय देने गए तो बोले रखो अभी आता हूं. बाइक स्टार्ट करके निकल गए. कुछ ही देर बाद खबर आई कि उनको मार दिया गया है. हमारे आदमी को मारने के लिए ही बुलाया गया था. अगर वो ऐसा कुछ जानते होते तो नहीं जाते. हमारे ससुर मौके पर गए तो उनकी लाश मिली. उनका कहना है कि आरोपी उनके पति को मारने के बाद गड्ढे में दफन करना चाहते थे, लेकिन इतने में उनके ससुर मौके पर पहुंच गए. उन्होंने कहा कि जमीनी विवाद के चलते सत्यप्रकाश दुबे की पत्नी उनके पति को मरवाना चाहती थी। हमें नहीं पता कि बाकी लोग कब उनके घर गए. हमारी तीन लड़कियां हैं, कहां लेकर जाएं. आप पता कर लीजिए मेरे आदमी झगड़ा-लड़ाई नही करते थे. जमीन का विवाद काफी दिन से था.

सत्यप्रकाश की बड़ी बेटी शोभिता की शादी हो चुकी है. घटना के वक्त वो अपने ससुराल में थी. नृशंस हत्याकांड पर शोभिता ने 2014 में मेरे चाचा को अगवा कर उनकी जमीन लिखा ली गई थी. मेरे पापा ने इसको लेकर कोर्ट में मुकदमा किया था. इसी रंजिश को लेकर जान से मारने की नियत से 2 अक्टूबर को सुबह 7 बजे प्रेमचंद्र साइड के करीब 50 लोग बंदूक, लाठी-डंडा और असलहा लेकर गाली देते हुए मेरे घर पर चढ़ आए। जब मेरे पापा ने दरवाजा बंद किया, तब ये सभी लोग दरवाजा तोड़कर अंदर घुस आए. उन्होंने मेरे पापा सत्यप्रकाश दुबे, मां किरण दुबे, भाई दीपेश उर्फ गांधी, बहन सलोनी और नंदनी की मौके पर हत्या कर दी। सबसे छोटा भाई अनमोल बुरी तरह घायल हो गया जिसका इलाज चल रहा है. वहीं, एक भाई सर्वेश पूजा-पाठ कराने बलिया गया हुआ था. इसीलिए उसकी जान बच गई।  

इस घटना के बाद दोनों परिवार सकते में है किसी को बाप के खोने तो किसी को पुरे परिवार को खोने का गम , न्याय दोनों परिवार को मिलना चहिए लेकिन इस मुद्दे को राजनीति का अखाड़ा ब्रह्मण वर्सेज यादव करने वाले घोर जातिवादी लोग केवल समाज में नफरत का जहर घोल रहे हैं, जब कि सत्यप्रकाश दूबे के परिजनों की तरफ से कराए गए FIR पर चर्चा क्यों नहीं कर रहे हैं, जिसमें नामजद लोगों में लगभग 11 ब्राह्मण ही हैं। नवनाथ मिश्र पट्टू, दिवाकर तिवारी, अमरनाथ तिवारी, पवन तिवारी, श्रीप्रकाश दूबे, श्रीराम दूबे, जयप्रकाश दूबे, प्रभात दूबे, बीरू दूबे, शिवम दूबे एवं गौरीशंकर तिवारी सहित पाल, राजभर एवं यादव सहित 50 अज्ञात मुल्जिम सत्यप्रकाश दूबे के पक्षकार लोगों ने इस हत्याकांड में आरोपी बनाया है। इस पूरे प्रकरण में प्रेमचंद यादव की हत्या को सुनियोजित बताया जा रहा है जिसका आरोप सत्यप्रकाश दूबे परिवार पर है लेकिन प्रेमचंद यादव की हत्या के बाद प्रतिक्रिया में जो हत्याएं हुईं हैं वह कहीं से भी सुनियोजित या जातीय संघर्ष से प्रेरित नहीं कही जा सकती हैं, क्योंकि प्रेमचंद यादव की हत्या में एक ही जाति व परिवार पर आरोप है किन्तु प्रेमचंद यादव की हत्या से बौखलाई भीड़ में यादवों से अधिक ब्राह्मण शामिल हैं, और सत्यप्रकाश दूबे के पक्ष ने उन्हें सर्वाधिक संख्या में मुजरिम बनाया है।
प्रेमचंद यादव की सुनियोजित हत्या जहां दुखद है वहीं इस हत्या से बौखलाई भीड़ की प्रतिक्रिया स्वरूप हुई सत्यप्रकाश दूबे सहित परिवार के अन्य सदस्यों की मौतें भी अतिदुखद हैं। इन हत्याओं में जातीय दृष्टिकोण तलाशने वाले और इसे ब्राह्मण वर्सेज यादव करने वाले मानवताद्रोही लोगों को जातीय दृष्टिकोण अपनाने की बजाय यथार्थ आम जन के समक्ष परोसना चाहिए और मौत में जाति ढूंढने की बजाय सामाजिक सौहार्द हेतु जातीय दृष्टिकोण त्यागकर कर न्यायार्थ आवाज उठाना चाहिए।

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घटना के बाद पुलिस ने दुबे परिवार हत्या के मुख्य आरोपी नवनाथ मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी की निशानदेही पर राइफल को भी जब्त कर लिया गया है. इस वारदात के समय तीन राउंड राइफल से गोली चलाई थी। पुलिस के मुताबिक उसने कबूल कर लिया है कि वारदात के वक्त वह वहां मौजूद था. वह घटना स्थल पर पहुंचा,जहां गोलू और संदीप नामक व्यक्तियों ने इसे रायफल पकड़ा दी. इसने तीन राउंड गोली चलाई जिसकी वजह से गोली सत्य प्रकाश दुबे ,सलोनी दुबे और गांधी दुबे को लगी थी।

इस बीच देवरिया मामले में प्रशासन मृतक प्रेमचंद यादव के मकान की पैमाइश करने पहुंचा। इस दौरान 16 लेखपाल, 4 कानूनगो और राजस्व विभाग के कई अधिकारी मौजूद थे। इस बीच सैकड़ों लोगों की भीड़ भी फतेहपुर के लेहड़ा टोले गांव पहुंच गई. जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया था वहा मौजूद पुलिस फोर्स से भीड़ में शामिल लोगों की हल्की झड़प हुई एवं भीड़ में शामिल लोग मृतक प्रेमचंद यादव को न्याय दिलाने की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी कर रहे थे. मृतक के घर पर प्रशासन द्वारा बुलडोजर चलाने की तैयारी का भाजपा सांसद ने भी विरोध किया है। भाजपा सांसद वृजभूषणशरण सिंह ने सूबे के मुखिया और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपराधियों पर लगातार चलाए जा रहे बुलडोजर की कार्रवाई पर ही सवालिया निशान खड़ा कर दिया।  उन्होंने कहा की मैं तो शुरू से ही बुलडोजर वाली राजनीति का विरोधी हूं क्योंकि घर बड़ी ही मुश्किल से बनता है।

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श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान स्वामी आनंद स्वरुप , विधायक शलभ मणि त्रिपाठी एवं सवर्ण आर्मी मुखिया सर्वेश पांडेय

इस घटना में सम्बेदना की बजाय ब्राह्मण वर्सेज यादव रंग देने में लगे मानवताद्रोही हिन्दू धर्म के कथित ठेकेदारों को शर्म आना चाहिए जो लगातार मौत में जाति ढूंढ कर सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने में लगे है , खुद को शंकराचार्य परिषद् का अध्यक्ष बताने वाले स्वंयभू शंकराचार्य स्वामी आनंद स्वरुप ने कहा कि इस घटना में यदि फ़ासी की सजा नहीं हुई तो जेल में ब्राहम्णो द्वारा हत्याएं शुरू होंगी तो किसी का दोष नहीं देना चाहिए , जब अन्याय होता है तब ब्रह्मण परशुराम बनता है , हमको तलवार या फरसा उठाने के लिए यदि समाज या कोई भी व्यक्ति व शासन के लोग मजबूर करेंगे तो फरसा भी उठेगा, स्वयंभू शंकराचार्य स्वामी आनंद स्वरुप ने आगे कहा की यदि ब्राह्मणों की हत्याएं नहीं रुकी तो धर्म का नाश हो जाएगा और धर्म की रक्षा के लिए आवश्यकता पड़ी तो एक बार फिर ब्राह्मण परशुराम बनने पर बाध्य हो जाएगा। सवाल उठता है कि जेल में ब्राहम्णो द्वारा हत्याएं शुरू होंगी ऐसा भड़काऊ बयान देने के बाद भी प्रशासन ने इस स्वंयभू शंकराचार्य के विरुद्ध कोई कार्यवाही क्यो नहीं किया जबकि उक्त द्वारा दिए गए बयान से प्रदेश ही नहीं देश के अमन चैन को खतरा उत्पन्न हो सकता है।

इस बीच भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद रावण ने सम्बेदना व्यक्त करते हुए लिखा की हर शासक का एक राजधर्म होता है , कि वो अपने सभी नागरिकों को एक आंख से देखे और जाति धर्म के आधार पर उनमें भेद न करें , परिस्थिति कोई भी हो न्याय सबको मिले और अन्याय किसी के साथ भी न हो ! पूर्व के कटु अनुभवों के बाद भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को सलाह देना चाहता हूं उन्हें अपना राजधर्म निभाना चाहिए।

इस मुद्दे पर देवरिया से भाजपा विधायक शलभ मणि त्रिपाठी और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव के बीच जुबानी जंग तेज हो गई। शिवपाल यादव ने लिखा था की शांति व न्याय के अग्रदूत महात्मा गांधी की जयंती के दिन देवरिया में जमीनी विवाद में हुई 6 लोगों की निर्मम हत्या के पीछे आमजन में व्याप्त भय, प्रशासनिक भ्रष्टाचार व खोखली हो चुकी कानून व्यवस्था है। यूपी में आमजन में न्याय के प्रति भरोसा कम हुआ है। हत्याकांड की उच्च स्तरीय जांच हो। जिसके बाद भाजपा विधायक ने सोशल साइट एक्स पर अपने जवाब में कहा कि कि शिवपाल यादव जी सपा सरकार के आतंक को जनता अभी तक नहीं भूली है. जब जमीनों पर अवैध कब्जे हो रहे थे. वर्तमान में योगी सरकार न्याय के साथ बिना भेदभाव के आधार पर काम कर रही है. भाजपा विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि सपा चाहे जितनी कोशिश कर ले, वह गुंडों को गुंडा ही कहेंगे. वरिष्ठ सपा नेता शिवपाल यादव ने भाजपा विधायक शलभ मणि त्रिपाठी के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने सोमवार को एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “देवरिया कांड पर विधायक कह रहे हैं कि अगर सपा की हैसियत है तो उनकी एक हजार जांच करा लें. विधायक जी, सपा तो विपक्ष में है. आप सियासी रोटी सेंकना बंद कर, प्रशासन की जवाबदेही व जिम्मेदारी तय करा लें. अगर पीड़ितों को निष्पक्ष न्याय दिलाने की आप में हैसियत हो तो न्याय जरूर दिला दें.

देवरिया कांड पर सियासी रोटी सेक रहे नेताओ को सिर्फ दोनों पक्षों के न्याय की वकालत करने की जरूरत है , जो भी समाज विरोधी इस मामले को जातिगत रंग देने पर तुले है उनके विरुद्ध सरकार को कठोर कार्यवाही करना चाहिए ताकि प्रदेश में जातिगत विद्वेष पनपने से रोका जा सके. पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव 16 अक्टूबर दिन सोमवार को फतेहपुर थाना – रुद्रपुर देवरिया पहुंच कर मृतकों को श्रद्धांजलि एवं परिवार से मिल शोक सम्बेदना करेंगे।

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