देश में अगले वर्ष होने जा रहे लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी राजनैतिक दलो ने कमर कसना शुरू कर दिया है , कभी धुर विरोधी रहे दल अब दोस्त बन लोकसभा चुनाव में एक साथ उतरेंगे। ताजा मामला महाराष्ट्र से है , जहा शिवसेना ने समाजवादी पार्टी से मिलाया हाथ , इस मिलन ने सभी को चौका दिया है। महाराष्ट्र से रविवार को एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई।
दरअसल करीब चार दशकों से समाजवादी पार्टी से चली आ रही शिवसेना की दूरी खत्म हो गई है. उद्धव ठाकरे ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सोशलिस्ट पार्टियों संग शिवसेना (यूबीटी) का गठबंधन किया है। यह गठबंधन अगले साल होने वाले नगर निकाय चुनावों के मद्देनजर भी महत्वपूर्ण है, जिसमें बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) भी शामिल है। शिवसेना में टूट होने के बाद इस चुनाव को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
एमआईजी क्लब में आयोजित बैठक :
बांद्रा के एमआईजी क्लब में आयोजित 21 समाजवादी राजनीतिक दलों, समूहों और संबद्ध संगठनों की बैठक में उद्धव ठाकरे ने कहा कि कैडर बहुत महत्वपूर्ण है और अगर राजनीतिक दलों के पास कैडर है तो डरने की कोई बात नहीं है। हमारे समाजवादियों के साथ वैचारिक मतभेद भले ही थे, लेकिन हमारा उद्देश्य एक ही था। अगर हम बैठकर बात करें तो मतभेद दूर हो सकते हैं। पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने याद किया कि कैसे उनके पिता बालासाहेब ठाकरे और उनके दादा व समाज सुधारक प्रबोधनकर ठाकरे ने संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के दौरान समाजवादियों के साथ मिलकर काम किया था।
उन्होंने कहा कि मतभेदों के बावजूद, संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के दौरान आचार्य अत्रे, एस. ए. डांगे और ठाकरे एक ही पक्ष में थे। उद्धव ठाकरे ने इस दौरान भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि वे अपने सहयोगियों को कभी भी विस्तार और विकास नहीं करने देते। हम लोकतंत्र को बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, हम उन्हें हराने जा रहे हैं।
समाजवादी युवजन सभा के राष्ट्रीय सचिव डॉ संतोष वर्मा ने कहा :
शिवसेना – समाजवादी पार्टी की इस दोस्ती पर समाजवादी युवजन सभा के राष्ट्रीय सचिव डॉ संतोष वर्मा ने ख़ुशी व्यक्त व्यक्त करते हुए कहा कि यह किसी ने नहीं सोचा था कि विपरीत विचारधारा के दल हमारे साथ आएंगे किन्तु महाराष्ट्र में हमारी पार्टी के साथ शिवसेना ने हाथ मिलाकर इस मिथक को तोड़ दिया ,आगामी लोकसभा चुनाव में दलित , पिछड़े एवं बंचित समाज की वर्तमान सरकार द्वारा की जा रही हकमारी के विरुद्ध दोनों दल लामबंद होकर लोकसभा चुनाव में विजय फतह कर बंचित समाज की आवाज को बुलंद करेंगे। इस गठबंधन से वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की सरकार बनना तय हो गया है।