मुगलसराय.सबका साथ ,सबका विकास के नारे के साथ उत्तर प्रदेश कि सत्ता पर बिराजमान भाजपा के भगवाधारी नेता खुले आम गुंडागर्दी पर उतारू है .मुगलसराय के नगर पालिका के विकास कार्यों की डफली बजवाने के लिए आयोजित कार्यक्रम में जनहित की मांगों को लेकर रिक्शा चलाकर गए मजदूर नेता को भाजपाइयों ने दबंगई के बल पर कार्यक्रम स्थल से खदेड़कर पुलिस जीप में ठूंस दिया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर कोतवाली पंहुचाया.
स्थानीय नगर पालिका परिषद के वर्तमान बोर्ड के 5 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में नगर पालिका इंटर कॉलेज में विकास का ढिंढोरा पिटवाने के लिए मंगलवार को पालिका द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसमें पालिका क्षेत्र में किये विकास कार्यों से सम्बंधित एक पुस्तक का विमोचन भी बतौर मुख्य अतिथि चंदौली लोकसभा क्षेत्र के सांसद व केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री डाक्टर महेंद्रनाथ पाण्डेय करेंगे.प्रचार-प्रसार के लिए पालिका फंड से लगभग सभी समाचार पत्रों में मोटे विज्ञापन भी दिए गए हैं.
कार्यक्रम के आयोजन में पालिका के सम्पूर्ण कर्मचारी व्यस्त थे तो कार्यक्रम स्थल सहित सड़क पर पुलिस वाले अपनी ड्यूटी बजा रहे थे. इसी बीच पालिका द्वारा नगर में स्वकर लगाये जाने व अन्य विकास कार्यों में हुए घोटाले में जांच की मांग को लेकर रिक्शा चलाकर पहुंचे चर्चित मजदूर नेता व सामाजिक कार्यकर्त्ता भागवत नारायण चौरसिया को भाजपाइयों ने पार्टी को कार्यक्रम बता दिया.
भाजपाइयों ने कहा कि आप यहां पत्रक या मांगपत्र नहीं दे सकते, जिसके बाद मजदूर नेता लोकदल के जिला महामंत्री चंद्रबंश सिंह यादव और लोकदल के ही ब्राह्मण सभा के जिलाध्यक्ष ज्ञानप्रकाश मिश्र के साथ कार्यक्रम स्थल के पास जमीन पर बैठ गए और मांगपत्र दिए बिना नहीं जाने की जिद पर अड़ गए, तब भाजपा कार्यकर्ता उन्हें जबरिया उठाकर बाहर ले जाकर पुलिस की जीप में फेंक दिया.इस दौरान भागवत नारायण चौरसिया की एक भी बात नहीं सुनी गई.
पुलिसकर्मी भी भाजपा कार्यकर्ताओं के तरह का व्यवहार करते हुए बोले कि भाजपा का कार्यक्रम है, आप पत्रक नहीं दे सकते. इसके बाद भागवत नारायण चौरसिया को पुलिस ने हिरासत में लेकर कोतवाली पंहुचा दिया. जहाँ श्री चौरसिया पुलिसिया मेहमान बने हुए हैं. ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या दबंगई के बल पर नगर के लोगों को विकास का सच दिखलाना चाहती है .नगर पालिका या फिर जनता को उनकी समस्याओं को कहने का हक़ नहीं है या फिर केंद्र और प्रदेश में भाजपा सरकार होने के कारण दबंगई के बल पर जनता की आवाज़ को दबाना चाहता है पालिका ?
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