धर्म एवं आस्था के नाम पर दुकानदारी चला रहे बाबाओ के कुकृत्यों का भंडाफोड़ होने के बाद भी महिलाएं सचेत होने की बजाय बाबाओ के जंजाल में फस आर्थिक नुकशान के साथ ही उनके हबस का शिकार हो रही है। केसरिया चोला ओढे बाबाओ पर लगातार धर्म एवं प्रवचन के बहाने लड़कियों को जाल में फसा कर आश्रमो की आड़ में लड़कियों से देह व्यापार कराने से लेकर हत्याओं तक के आरोप लगे है। राजनेता ,फिल्म स्टार, क्रिकेट सेलिब्रेटी सहित अन्य हस्तियां से घिरे रहने वाले तथकथित आसाराम,नारायण साईं, गुरमीत राम रहीम, संत रामपाल, वीरेंद्र देव दीक्षित ,स्वामी भीमानंद,स्वामी परामानंद सहित अनेको बाबा जेल की सलाखों के भीतर है किन्तु धर्म जाल में अंधे हो चुके तमाम नागरिक आज भी ऐसे घिनौने कृत्यो को अंजाम देने वाले हबस के पुजारी बाबाओ के जाल में फस आर्थिक नुकशान के साथ ही हबस के शिकार हो रहे है।
ताजा मामला देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाश में आया है जहाँ महिलाओं को सम्मोहित कर अंधविश्वास की आड़ में महिलाओं को फंसाकर उनका यौन शोषण करने के आरोप में 33 साल के एक बहुरूपिया बाबा उर्फ विनोद कश्यप को द्वारका नॉर्थ थाने की पुलिस टीम ने गिरफ्तार किया है. इसके खिलाफ दो एफआईआर दर्ज किए गए। बहुरूपिया बाबा विनोद कश्यप द्वारका नॉर्थ थाना इलाके के ककरोला एरिया में माता मसानी चौकी दरबार के नाम से अपना अड्डा चल रहा था। स्वयंभू बाबा विनोद कश्यप ने लोगों को भ्रमित करने के लिए दावा किया कि लोगों की व्यक्तिगत और स्वास्थ्य समस्याओं को हल करने के लिए उसे ‘भगवान का आशीर्वाद’ प्राप्त है। जिसकी वजह से उसके भक्त बढ़ते गए। भक्त इसी अंधविश्वास में सप्ताह भर में लगभग 400 ‘संकटग्रस्त’ लोग आशीर्वाद लेने के लिए विनोद कश्यप के घर आते थे। पुलिस के अनुसार यह फर्जी बाबा महिलाओं के पारिवारिक और व्यक्तिगत समस्याओं का सामाधान करने का प्रलोभन देता था. वह इन महिलाओं को सम्मोहित करता था. उनकी मदद करने की बहाने गुरु की सेवा करने के लिए प्रेरित करता था. फिर उसी की आड़ में यौन शोषण करके धमकी भी देता था कि यदि इस बात की जानकारी किसी को दी तो उसका अंजाम अच्छा नहीं होगा। बहुरूपिया बाबा माता मसानी चौकी दरबार के नाम से यूट्यूब चलाता है. उसके 34 हजार से ज्यादा सब्सक्राइबर और एक करोड़ 21 लाख से ज्यादा व्यूवर्स हैं. इसके फॉलोअर्स की संख्या भी काफी है और इसी का फायदा उठाकर महिलाओं को वह टारगेट करता था। लोगों को भ्रमित करने के लिए उसने अपने 900 वर्ग फुट के घर के एक छोटे से कमरे के अंदर एक मंच बना रखा था, जिस पर वो बैठता था। उसके सेवक सामने जमीन पर बैठते थे। बता दे कि उसका दरबार शनिवार और मंगलवार को 5 से 6 घंटे के लिए आयोजित किया जाता था।
मिली जानकारी के अनुसार स्वयंभू बाबा विनोद कश्यप ने सबसे पहले चार-पांच साल तक 25,000 रुपये प्रति माह के वेतन पर काम किया जिसके बाद उसने काम छोंड़ दिया। उसने एक अस्पताल में हेल्प के रूप में काम किया था। जिसके बाद उसने आध्यात्मिकता अपना आश्रम खोलने का फैसला किया और द्वारका में अपने दो मंजिला घर में ‘दरबार’ लगाना शुरू कर दिया।
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