देश में प्रथम बार CIC की कमान दलित के हाथ
Search

देश में प्रथम बार CIC की कमान दलित के हाथ

न्यूज़ अटैक इंडिया News Attack India News Attack

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सीआईसी और राज्य सूचना आयोगों में रिक्त पदों को भरने के लिए कदम उठाने का केंद्र एवं राज्य सरकारों को निर्देश दिया था। कोर्ट ने 30 अक्टूबर को कहा था कि ऐसा नहीं होने पर सूचना का अधिकार कानून निष्प्रभावी हो जाएगा। कोर्ट के निर्देशों के बाद सरकारों ने खाली पदों को भरने की प्रक्रिया पर काम करना शुरू कर दिया है।

सूचना आयोगों को अस्तित्व में आने के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि केंद्र सरकार ने किसी दलित को मुख्य सूचना आयुक्त की जिम्मेदारी सौपी है। केंद्र सरकार ने हीरालाल सामरिया को मुख्य सूचना आयुक्त बनाया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हीरालाल सामरिया को सीआईसी के प्रमुख के रूप में शपथ दिलाई। बता दें कि हीरालाल समारिया देश के पहले दलित मुख्य सूचना आयुक्त हैं। राजस्थान के भरतपुर जिले के रहने वाले समारिया 1985 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।

मुख्य सूचना आयुक्त का पद तीन अक्टूबर को ही खाली हो गया था क्योंकि उस दिन वाई के सिन्हा का कार्यकाल खत्म हो गया था। सामरिया की नियुक्ति के बाद भी सूचना आयुक्त के आठ पद खाली हैं। सीआईसी में इस समय दो सूचना आयुक्त हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सीआईसी और राज्य सूचना आयोगों में रिक्त पदों को भरने के लिए कदम उठाने का केंद्र एवं राज्य सरकारों को निर्देश दिया था। कोर्ट ने 30 अक्टूबर को कहा था कि अगर ऐसा नहीं होने पर सूचना का अधिकार कानून निष्प्रभावी हो जाएगा। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने डीओपीटी को राज्य सूचना आयोगों में मंजूर पदों, रिक्तियों और वहां लंबित मामलों की कुल संख्या सहित कई पहलुओं पर सभी राज्यों से जानकारी इकट्ठा करने को कहा था।

कौन हैं हीरालाल सामरिया ?
14 सितंबर 1960 में जन्मे सामरिया ने राजस्थान यूनिवर्सिटी से बीई सिविल (ऑनर्स) की पढ़ाई की है। इससे पहले वह करीमनगर, गुंटूर के कलेक्टर भी रह चुके हैं। समारिया भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में सचिव भी रहे। साथ ही वह तेलंगाना में वाणिज्य कर विभाग में आयुक्त, आंध्र प्रदेश में परिवहन विभाग में आयुक्त, सिंचाई विभाग में सचिव समेत कई अहम पदों पर भी रह चुके हैं।

आज भी मुख्यधारा के भारतीय मीडिया का एक बड़ा हिस्सा केवल विशेष व समृद्ध वर्ग के लोगों की चिंताओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व कर रहा है. इस संविदा में हाशिए पर खड़े समाज जिसमें देश के पिछड़े ,अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाएं, अल्पसंख्यक, किसान, मजदूर शामिल हैं, उनके हितों एवं संघर्षों को आसानी से नजरअंदाज कर दिया जाता है. हाशिए पर खड़े इस समाज की आवाज बनकर उनका साथ देने का न्यूज़ अटैक एक प्रयास है. उम्मीद है आप सभी का सहयोग मिलेगा.
न्यूज़ अटैक इंडिया News Attack India News Attack
न्यूज़ अटैक इंडिया News Attack India News Attack
Share This.

Related posts

Leave a Comment