गोण्डा। कल देर शाम जिला अस्पताल में एक शर्मशार करने देने वाला दृश्य सामने आया है। जिला अस्पताल में भर्ती पत्नी की मौत हो जाने पर बुजुर्ग पति को खुद स्टेचर से अपनी पत्नी की लाश ढोने को मजबूर होना पड़ा। इतना ही नहीं पति ने जब घर ले जाने के लिए शव वाहन की मांग की तो अस्पताल कर्मियों ने डीजल के पैसे मांगे। गरीबी की वजह से बुजुर्ग किसी तरह पत्नी का शव लेकर गांव गया। सीएमओ डॉ उमेश यादव ने कहा कि यह बेहद दुखद घटना है। इसकी जांच होगी और दोषियों को दंडित किया जायेगा।
खरगूपुर महादेवा के रहने वाले अयैनुल खां ने सांस की बीमारी से पीड़ित अपनी पत्नी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां बुधवार सायं पत्नी की मौत हो गई। मौत होने के बाद पति ने अस्पताल कर्मियों से स्टेचर के लिए गुहार लगाई। जब किसी ने नही सुनी तो थकहार के खुद ही स्टेचर पर शव रख कर बाहर लेकर आये। कर्मचारियों से सहयोग मांगा तो किसी ने नही सुनी। इसके बाद शव घर ले जाने के लिए शव वाहन तक उपलब्ध नही कराया गया। पति ने बताया कि अस्पताल वाले डीजल के पैसे की मांग करने लगे। जबकि इसकी व्यवस्था निशुल्क है। बाद में स्थानीय परिचितों ने मदद की तो निजी वाहन से शव लेकर देर रात वे घर पहुंचे। सीएमओ ने स्वीकार किया है कि नई व्यवस्था के तहत शव घर तक पहुंचाने की निशुल्क व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि मामला गंभीर है और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह हाल जब दो दिन के बाद जिले के दौरे पर मुख्य मंत्री योगी आ रहे है जो अस्पताल का निरीक्षण भी करेंगे।बताते चले अस्पताल में वार्ड ब्याय की तैनाती है लेकिन ये वार्ड ब्याय न तो मरीजो को एम्बुलेंस से उतारकर अस्पताल में लाने और ले जाने का कार्य न कर मरहम पट्टी करने में व्यस्त रहते है।
रिपोर्ट : के एस वर्मा