अभिषेक चौधरी
लखनऊ .उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में एकजुट होकर मतदान करने से पूर्व बहुसंख्यक कुर्मी समाज को तनिक भी एहसास नहि था कि भाजपा की सत्ता पर ताजपोशी के बाद भाजपा सरकार के निशाने पर कुर्मी समाज होगा ,योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से इस बात के कयाश भी लगाए जा रहे थे कि भाजपा में सवर्ण वादी व्यवथता समाप्त होकर पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जैसे कार्यकाल कीं वापसी होगी और प्रदेश में क़ुर्मियो को उचित हिस्सेदारी के साथ -साथ प्रदेश में अमन शांति क़ायम होगी ,किंतु योगी राज में विपरीत हुआ ठाकुरों का वर्चस्व बढ़ गया ,शासन से लेकर जनपद स्तर तक ठाकुरों का क़ब्ज़ा क़ायम करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा के “सबका साथ -सबका विकास “नारे को तार तार करते हुए भाजपा की नीतियों और सिद्धांतों को जगज़ाहिर कर दिया .
सुशासन का नारा देकर सता पर क़ाबिज़ भाजपा के इस शासन काल में आपराध और अपराधियों का बोलबाला बढ़ गया ,सहारनपुर जैसे भीषण दंगे इस सरकार के शुशासन के दावे को तार तार कर रहे है ,दलित और कुर्मी समाज का सरकार के इशारे पर उत्पीड़न तेज़ी के साथ फैल रहा है .
प्रदेश का वर्तमान हालात व्या कर रहा हैं कि गेरुआ वस्त्र धारी संत मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के स्वजातीय ठाकुर जाति के लोगों में अचानक सत्ता का रौब आ गया है. इसका सबसे ज्यादा असर प्रदेश में दलित और पिछड़ी जातियों के खिलाफ बढ़े अपराधों के रूप में देखा जा सकता है.
कुर्मी समाज के उत्पीड़न का ताज़ा मामला बुंदेलखंड के झांसी का है. जहां आरओ व्यवसायी पीतांबर पटेल को पहले एलआईयू बांदा में तैनात इंस्पेक्टर के बेटे करन सिंह ने मारा फिर बर्दी की धौंस और योगीराज के घमंड में इंस्पेक्टर केके सिंह पीतांबर के घर पहुंच गया और फिर उन्हें घर में घुसकर मारा. मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद भी पुलिस मामले को दबाने की कोशिश में लगी है.
इससे पूर्व इलाहाबाद में ब्राह्मणों द्वारा अनुज पटेल की पीट पीटकर हत्या, फतेहपुर में फार्मासिस्ट दिलीप पटेल की गोली मारकर हत्या ,बहराइच में १८ वर्षीया यूवती की कुँए में फेंक कर हत्या और अब झांसी में पीतांबर पटेल के साथ ठाकुर समाज के लागों द्वारा की गई मारपीट और अभद्रता से पूरे प्रदेश के कुर्मी समाज में सरकार के प्रति असंतोष बढ़ता जा रहा है.
झांसी में गुरुवार को बुंदेलखंड कुर्मी क्षत्रिय कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने झांसी पहुंचे कारागार मंत्री जय कुमार सिंह पटेल जैकी से मुलाकात करके अपना रोष प्रकट किया. उन्होंने मौके पर मौजूद विधायक राजीव सिंह पारीछा से मामला देखने को कहा. अब कार्रवाई का इंतजार है.
पीड़ित पीतांबर पटेल ने बताया कि उनकी आरओ की दुकान है. 25 मई को उनको आरओ लगवाने के नाम पर बुलाकर एलआईयू इंस्पेक्टर के पुत्र करन सिंह और झांसी सांसद उमाभारती के प्रतिनिधि के पुत्र जीतेन्द्र सिंह उर्फ जीतू चौहान और उनके साथियों ने बुरी तरह मारा पीटा और उनकी घड़ी और पर्स छीन लिया. इसके बाद वो किसी तरह से भागकर घर आए तो पीछे से केके सिंह अपने बेटे को लेकर पीतांबर के घर आ धमके और बोले गलती मान नहीं तो जान से मार दूंगा. पीतांबर के कहने पर कि गलती तो आपके बेटे की है. इतना सुनते ही ठाकुर केके सिंह का सत्ता और बर्दी का रौब सामने आ गया और पीतांबर को घर में ही लात जूतों से पीटा। और धमकी दे गया कि थाने गया तो ठीक नहीं होगा.
इस घटना में शामिल केन्द्रीय मंत्री उमाभारती के प्रतिनिधि डॉ. जगदीश सिंह चौहान का बेटा जितेन्द्र चौहान का नाम पुलिस ने एफआईआर में नहीं लिखा. बाद में आलाअधिकारियों से मुलाकात के बाद जीतू का नाम जोड़ा गया. लेकिन मामला सत्तापक्ष का है तो कार्रवाई की उम्मीद इतनी जल्दी कैसे की जा सकती है.
बुंदेलखंड कुर्मी क्षत्रिय कल्याण समिति घटना को लेकर कई बार पुलिस को ज्ञापन दे चुकी है. लेकिन अभी तक आरोपियो के सत्ता पक्ष से जुड़े होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो रही. समिति के केन्द्रीय अध्यक्ष शिवशंकर पटेल, महानगर अध्यक्ष डॉ. वीके निरंजन और युवा अध्यक्ष मनोज पटेल का कहना है कि हम लोग इस घटना से बहुत दुखी और आक्रोशित हैं. हम कानून के दायरे में रहकर ही कार्रवाई चाहते है. हम प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से गुहार लगा चुके है. अगर इस मामले में पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं करती है तो हम आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.
फिरहाल उत्तर प्रदेश में क़ुर्मियो पर सरकार का क़हर जारी है ,कुर्मी समाज अन्याय का प्रतिकार करने हेतु लामबंद हो रहा है ,सरकार के इशारे पर हो रहे उत्पीड़न को लेकर भाजपा के कुर्मी विधायकों में भी रोष है ,यह ग़ुबार ज्वालामुखी का रूप कब धारण कर ले वक़्त का इंतज़ार है .
(खबर कैसी लगी बताएं जरूर. आप हमें फेसबुक, ट्विटर और गूगल प्लस पर फॉलो भी कर सकते हैं.)