लखनऊ । उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले से मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है ,जहाँ चमार जाति सुनकर भड़के जीआरपी इंस्पेक्टर ने दलित युवक को पीट -पीट कर हाथ , पैर तोड़ दिया ,कान के पर्दे भी फटे किंतु शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने कार्यवाही की बजाय बनाया सुलह का दबाब । पीड़ित युवक का जिला अस्पताल चित्रकूट में ईलाज चल रहा है ।
बताया जाता है कि ग्राम पंचायत छीर का पुरवा थाना नयागांव जिला सतना का एक दलित युवक लड़का किसी कारणबस घरवालों से नाराज होकर रेलवे स्टेशन चित्रकूट धाम कर्वी पर चला आया था ।
जिसको ढूंढने के लिए उसके दो चचेरे भाई रेलवे स्टेशन कर्वी पहुंचे, काफी खोजबीन की लेकिन वह लड़का नहीं मिला किंतु जीआरपी इंस्पेक्टर त्रिपुरेश कौशिक व उसके 4-5 सिपाही रेलबे स्टेशन परिसर में मिले और इन दोनों से पूछ ताछ करने लगे कि यहां क्या कर रहे हो ,इस पर दोनों ने बताया कि हमारा भाई कहीं खो गया है जिसे हम रेलवे स्टेशन खोजने आए हैं।
दोनों युवकों की बात सुन इंस्पेक्टर ने रेलवे स्टेशन परिसर में घुसने का प्लेटफार्म टिकेट मांगा तो दोनों युवकों ने टिकट न होने एवं जानकारी न होने का आभाव बताते हुए माफ करने का आग्रह किया किंतु इंस्पेक्टर ने उनके आग्रह को अस्वीकार दोनों को जीआरपी थाना ले गया। जीआरपी थाने के भीतर पहुचते ही गायब हुआ लड़का भी वही जीआरपी पुलिस के कस्टडी में था। वह सब खुश हो गए किंतु इसी बीच इंस्पेक्टर द्वारा उनसे पूछा गया कि तुम किस जाति के हो उन लोगों ने कहा कि साहब हम चमार जाति के हैं, जाति का नाम सुनते ही मनुवादी मानसिकता से ग्रसित जीआरपी इंस्पेक्टर का जैसे धर्म नष्ट हो गया हो , वह उन दोनों को छूते ही अछूत हो गया, जाति का नाम सुनते ही आगबबूला होंकर उन दोनों को जाति सूचक व बुरी बुरी मां बहन की गलियां देने लगा, तीनों लोग हाथ पैर जोड़कर विनती करते हुए कह रहे थे कि साहब हमें छोड़ दीजिए लेकिन साहब को रोज की तरह बिना टिकट के घूमने वाले लोगों से घूस लेने की आदत थी, उन तीनों से ₹2000 रूपए मांगने लगा उन तीनों के पास मात्र 1200 ₹ थे और दे दिए, 800 सौ रूपए न होने के कारण जीआरपी इंस्पेक्टर व उसके सहयोगियों द्वारा उन तीनों लोगों को बेरहमी से मारा गया, एक को तो इतना ज्यादा मारा गया कि उसके पीछे के हिस्से लाल हो गए और हाथ एवं पैर में फैक्चर के साथ ही कान का पर्दा फट गया ।
उपरोक्त घटना की जानकारी के बाद पहुचे परिजनों ने थाना कोतवाली कर्वी को उक्त घटना की जानकारी दी लेकिन कोतवाल अजीत कुमार पांडेय द्वारा कार्यवाही की बजाय पीड़ितों पंर ही मामले को सुलह समझौता करवाने के लिए दबाव बनाया गया।
स्थानीय पुलिस के रवैया से त्रस्त परिजन अपनी फरियाद लेकर पुलिस अधीक्षक चित्रकूट पहुंचे लेकिन उनसे मुलाकात न होने के कारण अभी तक दोषियों पर कार्यवाही नही हो पाई है ।
उक्त घटना के संबंध में सामाजिक संगठन सरदार सेना की बुंदेलखंड प्रभारी एवं जिला पंचायत सदस्य मीरा भारती एवं आभाष महासंघ के नेताओ ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर तत्काल कार्यवाही की मांग किया है ।
सामाजिक नेताओ ने ज्ञापन में कहा है कि पीड़ित दलित युवक का इलाज किसी प्राइवेट हास्पिटल में कराते हुए दोषी जीआरपी इंस्पेक्टर एवं अन्य शामिल पुलिसकर्मियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज का तत्काल निलंबित किया जाय ।
उन्होंने प्रसासन को चेतावनी दिया है कि यदि शीघ्र कार्यवाही नही होती है तो सरदार सेना और आभास महासंघ चित्रकूट युनिट पीड़ित परिवार को साथ में लेकर एक बड़ा आंदोलन करेगा,जिसका जिम्मेदार शासन प्रशासन होगा।
ज्ञापन के दौरान जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार सनेही ,सीएल भारती जिला महासचिव, राहुल कुमार , राजेंद्र प्रसाद, संजय कुमार गौतम,राजकिशोर, रोहित सिंह पटेल रामहित सेवा समिति, आदित्य कुमार सिंह विनय कुमार पाल एडवोकेट हाईकोर्ट, मिथलेश वर्मा, प्रभाकर, कृष्ण गोपाल, प्रकाश वर्मा , मोहित भाई पटेल इंजिरियर पुष्पराज पटेल ,आदि लोग मौजूद रहे
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