नीतीश के बिहार से मंडल 3.0 का आगाज ? जाति सर्वेक्षण से निकलेगा 2024 का अजेंडा - न्यूज़ अटैक इंडिया
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नीतीश के बिहार से मंडल 3.0 का आगाज ? जाति सर्वेक्षण से निकलेगा 2024 का अजेंडा

नितीश कुमार न्यूज़ अटैक

बिहार में जाति आधारित गणना से क्या पूरे देश में इसके लिए दबाव बढ़ेगा ?

अभिषेक पटेल

बिहार में सोमवार को जब जाति जनगणना के आंकड़े गांधी जयंती पर जारी करने का फैसला लिया गया तो यह सिर्फ आंकड़ा नहीं बल्कि एक सियासी दस्तावेज माना गया। जिस पर अब अगले कुछ महीनों तक न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश में सियासी बिसात बिछी दिख सकती है। जानकारों के मुताबिक देश की सियासत में मंडल दौर की वापसी के संकेत दिखने के साथ ही सियासत में इस बात की चर्चा जोर हो चली है कि क्या नीतीश के बिहार सरकार से मंडल 3.0 का आगाज कर दिया है। सोमवार को जो आंकड़े जारी हुए उस हिसाब से बिहार में तमाम जातियों और धर्म आधारित आबादी का वर्गीकरण किया गया। सूत्रों के मुताबिक बिहार सरकार इस सर्वे का दूसरा हिस्सा भी बहुत जल्द जारी करेगी। इसमें तमाम जातियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का भी विस्तार से विश्लेषण है। माना जा रहा है उस रिपोर्ट के बाद यह बहस और तेज पकड़ेगी।

यादव-मुस्लिम का मजबूत प्रभाव
रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में मुस्लिम-यादव का समीकरण और मजबूत बन कर सामने आया। दोनों मिलकर लगभग 32 फीसदी है। MY वोट के रूप में चर्चित यह वोट RJD का मजबूत वोट बैंक माना जाता रहा है। पेश आंकड़े ने साबित कर दिया कि इन दोनों का वोट अगर RJD को मिलता है तो वह एक मजबूत ताकत बनी रहेगी। इस रिपोर्ट ने इस बात को फिर साबित किया कि राज्य में अति पिछड़ों के हाथ में सत्ता की चाभी रहेगी। इनकी तादाद लगभग 36 फीसदी है। नीतीश कुमार ने इनके बीच अपनी पैठ बनाकर ही लालू यादव की पार्टी को सत्ता से हटाया था। अब नीतीश चूंकि राजद के साथ हैं अब यह वोट अगले चुनावों में सबसे बड़ा X फैक्टर बनेगा।

इस रिपोर्ट के बाद अब बिहार की राजनीति में सवर्ण राजनीति में सवाल उठेंगे हालांकि यह पता था कि उनकी संख्या कम है लेकिन महज 10 फीसदी की तादाद का आंकड़ा आने से उनकी भागीदरी पर सवाल उठ सकते हैं। राज्य की 40 सीटों में 8 राजपूत सांसद हैं जिनकी तादाद लगभग 3% है। भूमिहार और ब्राह्मण की तादाद 3-3% से कम है। इस रिपोर्ट के बाद छोटी-छोटी जातियां, जिनकी आबादी कम है लेकिन उनकी तादाद बहुत है, पर फोकस फिर लौटेगा। साथ ही उसे नए सिरे से परिभाषित किया जाएगा। मल्लाह की आबादी उम्मीद से कम है। साथ ही इन सभी जातियों की तादाद के ठीक-ठीक आंकड़े आने से इनके नेताओं को नए सिरे से रणनीति बनानी पड़ सकती है।

बिहार में जारी रिपोर्ट के अनुसार यादव के बाद अब तीन जातियों की तादाद अपने दम पर प्रभाव दिखा सकती हैं तो वह कुशवाहा-पासवान और चमार हैं। तीनों को मिलाकर लगभग 15 फीसदी वोट होगा। अब इनके वोट में हिस्सेदारी के लिए भाजपा और महागठबंधन में नई जंग देखने को मिल सकती है।

नीतीश का ऐलान, बुलाएंगे 9 दलों की बैठक
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट कर कहा कि आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं। जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई ! जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था। बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी। 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गई थी। इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है। उन्होंने कहा कि जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है। इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए आगे कार्रवाई की जाएगी। बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी और जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा

रिपोर्ट के जारी होने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि बिहार की जाति जनगणना ने साबित कर दिया है कि राज्य में 84 फीसदी लोग ओबीसी, एससी और एसटी हैं और उनकी हिस्सेदारी उनकी आबादी के अनुसार होनी चाहिए।

आप नेता राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा –

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा है कि जातीय जनगणना पूरे देश में होनी चाहिए लेकिन भाजपा अपने मूल सिद्धांतों और विचारों में पिछड़ों, दलितों, शोषितों, वंचितों की विरोधी है इसलिए ये इससे भाग रहे हैं। संजय सिंह ने कहा कि ओबीसी, एससी-एसटी और अल्पसंख्यक समुदाय के साथ आप न्याय करना चाहते हैं तो पूरे देश में इनकी संख्या कितनी है यह जानना बहुत जरूरी है। मोदी जी, इससे क्यों भाग रहे हैं?

जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भाजपा नेता आरसीपी सिंह ने कहा-

जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भाजपा नेता आरसीपी सिंह ने कहा कि हमने रिपोर्ट देखी नहीं है, लेकिन सरकार में बैठे दोनों भाइयों ने कहा था कि जातीय गणना से बिहार से गरीबी चली जाएगी.  बेरोजगारी चली जाएगी. आज आंकड़ा आ गया. अब बताइए कि लोग उस आंकड़े का भोजन करेंगे? खाना खाएंगे? बिहार के युवा आज भी रोजगार के लिए बाहर जाते हैं. बिहार मजदूरों की मंडी है. बिहार में जैसे निजी निवेश आएगा और सरकारी निवेश मिलेगा तो बिहार में ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलेगा, तब न कोई मतलब होता है.

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