चुनाव आयोग द्वारा पांच राज्यों में चुनाव के तारीख का ऐलान करने के बाद स्पस्ट हुआ की राजस्थान में 23 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करते हुए 41 उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतार दिया है। उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करते ही कई जगह भाजपा के नेताओं और उनके समर्थकों ने बगावती तेवर दिखाए हैं। पार्टी से टिकट की उम्मीद कर रहे कई संभावित उम्मीदवारों के समर्थकों ने सूची के बाद खुलकर अपनी नाराजगी व्यक्त की है।
पार्टी ने झोटवाड़ा विधानसभा सीट से सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को उम्मीदवार बनाया है। इससे इस सीट से पार्टी की ओर से चुनाव लड़ते रहे पूर्व विधायक राजपाल सिंह शेखावत के समर्थक विरोध पर उतर आए हैं। शेखावत के समर्थकों ने झोटवाड़ा सीट बचाने के लिए ‘पैराशूट’ उम्मीदवार हटाओ के नारे लगाए। उनके समर्थकों के विरोध प्रदर्शन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पूर्व मंत्री शेखावत को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का करीबी माना जाता है और टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने सोमवार देर रात राजे से मुलाकात भी की थी। शेखावत ने पत्रकारों से कहा कि पार्टी के 41 उम्मीदवारों की सूची में से 10 बागी हैं।
भाजपा ने कोटपूतली सीट पर हंसराज को टिकट दिया है। 2018 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले मुकेश गोयल के समर्थकों ने हंसराज की उम्मीदवारी के खिलाफ विरोध प्रकट करने के लिए पार्टी के झंडे जलाए। गोयल ने कहा की कोटपूतली में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ेगा और वह राजस्थान में 40-50 सीट पर सिमट जाएगी।
पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा ने भी भाजपा की टिकट घोषणा के खिलाफ बगावत कर दी है। उन्हें बानसूर विधानसभा क्षेत्र से टिकट मिलने की उम्मीद की थी, लेकिन भाजपा ने यहां से देवी सिंह शेखावत को टिकट दिया है। शर्मा ने कहा की लोगों को टिकट वितरण प्रणाली से विचलित होने की जरूरत नहीं है। पहले भी लोगों को जाति और धनबल के आधार पर टिकट मिला, लेकिन वे हारे।
पिछले विधानसभा चुनाव में किशनगढ़ से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले विकास चौधरी का नाम भी इस सूची में नहीं है। भाजपा ने यहां से अजमेर के सांसद भागीरथ चौधरी को मैदान में उतारा है। पार्टी की सूची जारी होने के बाद चौधरी ने ‘एक्स’ पर लिखा ‘मैंने ईमानदारी से मेहनत की थी। विकास चौधरी ने किशनगढ़ में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि जनता-जनार्दन का आदेश सर्वमान्य है, वे उसी के अनुसार चलेंगे। भरतपुर के नगर विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहीं अनिता सिंह ने संकेत दिया कि पार्टी का टिकट नहीं मिलने के बावजूद वह चुनाव लड़ेंगी। अनिता सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘क्या मान कर मुझे भाजपा ने अपने से दूर किया है। ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया है जिसकी जमानत जब्त होगी। सिंह भी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे खेमे की बताई जाती हैं।
भाजपा ने विद्याधर नगर से मौजूदा विधायक नरपत सिंह राजवी को भी उम्मीदवारों की पहली सूची में जगह नहीं दी है। पार्टी ने इस सीट पर राजसमंद से सांसद दीया कुमारी को उतारा है। राजवी ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। पांच बार के विधायक राजवी पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के दामाद हैं। उल्लेखनीय है कि भाजपा ने राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए अपने 41 प्रत्याशियों की पहली सूची सोमवार को जारी की जिसमें राज्यवर्धन राठौड़ व बालकनाथ सहित सात मौजूदा सांसद के नाम भी शामिल हैं। इनमें से एक राज्यसभा का जबकि छह लोकसभा के सदस्य हैं। पार्टी ने पिछले चुनाव में हारे 12 उम्मीदवारों को भी फिर मौका दिया है।
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