लखनऊ | उत्तर प्रदेश के अपराधियों / जालसाजों को जेल की सलाखों के भीतर भेजने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ही उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन बड़े से बड़े अपराधियो एवं जालसाजों का खुलासा हो रहा है , सरकार के दावे को लगातार पलीता लगते हुए जालसाज नए नए कारनामो को अंजाम दे उत्तर प्रदेश का नाम रोशन कर रहे है ।
बिगत दिनों यूपी एसटीएफ ने फर्जी दस्तावेज से लग्जरी कारें फाइनेंस कराकर करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले बडे जालसाज पंडित शुभम मिश्र को लखनऊ स्थित पॉलिटेक्निक चौराहे के पास से गिरफ्तार कर लिया। वह फर्जी दस्तावेज से लग्जरी कारें खरीदकर चार-पांच किश्त जमा करने के बाद गाड़ी मालिक का बैंक में फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र लगाकर पहले लोन बंद करवा देता था।उसके बाद आरटीओ के कर्मचारियों से मिलकर कार को परिचित के नाम ट्रांसफर कराकर बेच देता था।एसटीएफ टीम ने उसके पास 7 लग्जरी गाड़ियां बरामद कर उसके साथियों और अन्य गाड़ियों की जानकारी जुटा रही है।
लग्जरी कार की खरीद-फरोख्त का करता है खेल
एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक सिंह के अनुसार गिरफ्तार शुभम मिश्र बाराबंकी के देवा का रहने वाला है। एसटीएफ ने मुखबिर की सूचना पर उसको फार्च्यूनर गाड़ी के साथ पकड़ा । उसके इस जालसाज गिरोह में लगभग 20 से ज्यादा लोग शामिल है। फ़्रॉड का मास्टरमाइंड पंडित शुभम मिश्र अपने गिरोह के सदस्यों के नाम से ही फर्जी दस्तावेजों से लग्जरी कार फाइनेंस कराता था। जिसके बाद फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र लगाकर बैंक से ऋण खाते को एनपीए-नान पेमेंट अकाउंट घोषित करा लेता था। जिसके बाद कारों की फर्जी एनओसी आरटीओ कर्मचारियों से साठगांठ कर बना लेता था। इन कर्मचारियों के बारे में भी एसटीएफ जानकारी जुटा रही है।
जालसाज शुभम मिश्र एवं इसके साथी इन लग्जरी कारों को लोगों को सस्ते दामों पर बेचने के साथ ही सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में किराए पर भी लगवा देते थे। जानकारी मिली है इससे जुड़े गिरोह के लोगों ने कई गाड़ियां इसी तरह से फाइनेंस कराई हैं। जिनके विषय में भी जानकारी की जा रही है।