लखनऊ। महिलाओ के मान , सम्मान एवं स्वाभिमान का दम्भ भरने वाली उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में आए दिन रेप की घटनाएं मीडिया की सुर्खिया बन रही है , प्रदेश से बलात्कारियो एवं अपराधियों के खात्मा का दम्भ भरने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ही राज्य में नागरिको की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस के एक पीपीएस अफसर पर अब बलात्कार का आरोप लगा है , प्रदेश के जिम्मेदार अधिकारियो से न्याय की गुहार लगा रही पीड़िता अब तक सुशासन वाले राज्य में न्याय को बंचित है।
मामला राजधानी लखनऊ से ही है , पीड़िता युवती के मुताबिक वह 2018 में यूपीएससी की तैयारी कर रही थी। तब उसकी मुलाकात पीपीएस अफसर राहुल श्रीवास्तव से हुई। बकौल युवती राहुल श्रीवास्तव ने मदद की बात कही। युवती के मुताबिक अफसर ने उन्हें 2019 में रिसर्च वर्क और स्टडी मटिरियल देने के बहाने बुलाया और रेप कर नग्न अवस्था में तस्वीरें ले ली और ब्लैकमेल किया। इसकी शिकायत दो माह पहले युवती ने कई उच्च अधिकारियों से की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जिसके बाद युवती ने सोशल मीडिया पर घटना पोस्ट करते हुए लिखा कि ATS के एएसपी राहुल श्रीवास्तव ने मेरे साथ शारीरिक शोषण किया है।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि वह दो महीने से DGP, ADG लॉ एंड ऑर्डर और कमिश्नर के चक्कर लगा रही है, लेकिन अभी एफआईआर नहींं दर्ज की गई है। पीड़िता ने अब मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है। पीड़िता ने सोशल मीडिया पोस्ट में यूपी के मुख्यमंत्री कार्यालय, लखनऊ पुलिस, एडीजी यूपी, उत्तर प्रदेश सीएमओ ऑफिस, उत्तर प्रदेश सरकार ऑफिस, केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी उत्तर प्रदेश और भारत के प्रधानमंत्री ऑफिस को टैग करते हुए लिखा कि आपकी सरकार में ऐसे अधिकारियों के द्वारा मेरी इज्जत को रोज उछाला गया, कृपया एफआईआर दर्ज कर मुझे इंसाफ दें। पीड़िता ने अपनी पोस्ट में लिखा कि मैं डीजीपी यूपी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार, एडीजी एडमिन नीरा रावत के पास पहुंची, लेकिन कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।
पीड़िता के मुताबिक डीजीपी यूपी और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने मुझे ब्लॉक कर दिया और मिलने से इनकार कर दिया और मेरे सबूतों के बावजूद अधिकारी को बचा रहे हैं। मेरी शिकायतें अन्य सीनियर अधिकारी भी अनसुनी कर रहे हैं। दो महीने बाद यौन उत्पीड़न की पीड़िता के साथ दुर्व्यवहार करने के लिए यूपी पुलिस से निराश होकर मुख्यमंत्री की ओर रुख कर रही हूं। महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता के बावजूद, इस मामले में इतना उपेक्षापूर्ण रवैया देखना निराशाजनक है। मैंने अपनी शिकायत सभी संबंधित विभागों को सौंप दी है, लेकिन दुर्भाग्य से कोई समाधान नहीं मिल पाया है।
इस मामले में यूपी पुलिस के एक्स हैंडल से कहा गया है-सीनियर अधिकारियों को दिए गए आपके आवेदन को विधिवत WCSO को भेज दिया गया है, जहां एक वरिष्ठ IPS अधिकारी मामले की निष्पक्ष जांच कर रही हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। यूपी पुलिस से आधिकारिक शिकायत की जिसके बाद विभाग ने जांच का आदेश दिया। विभाग की जांच का नेतृत्व आईपीएस रवीना त्यागी कर रही हैं।
वरिष्ठ पीपीएस अफसर राहुल श्रीवास्तव के मुताबिक युवती की काउंसलिंग चल रही थी। वह मेरी पत्नी के पास काउंसलिंग के लिये आई थी। इस दौरान ही मेरी उससे मुलाकात हुई। वह मेरी बेटी के समान है। अपने से उम्रदराज व्यक्ति पर ऐसे आरोप लगाना उचित नहीं है। यह सब शिकायत युवती ने मेरी पत्नी से भी की थी। जब मेरी पत्नी नहीं मानी तो उसने एसिड अटैक की धमकी भी दी। युवती द्वारा लगाए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। मैं जांच में सहयोग कर रहा हूँ। मुझे कानून में विश्वास है। सब कुछ जांच के बाद स्पष्ट हो जाएगा।
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