भाजपाई बलात्कारियो का आका कौन? मोदी,नड्डा,स्मृति एवं CM योगी कब चलवाएंगे अपने चहेतो के घर बुलडोजर , क्यों खामोश राष्ट्रवादी मीडिया एंकर्स - न्यूज़ अटैक इंडिया
Search

भाजपाई बलात्कारियो का आका कौन? मोदी,नड्डा,स्मृति एवं CM योगी कब चलवाएंगे अपने चहेतो के घर बुलडोजर , क्यों खामोश राष्ट्रवादी मीडिया एंकर्स

न्यूज़ अटैक इंडिया News Attack India News Attack

अनाथो के नाथ भोलेनाथ के शहर में एक मासूम छात्रा गैंगरेप की शिकार होने के बाद दुखभरी सिसकियों के साथ न्याय की भीख मांग रही थी , छात्र -छात्रा आंदोलन कर दरिंदो को पकड़ने की गुहार लगा रहे थे किन्तु मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आरोपियों की पहचान के बाद भी स्थानीय पुलिस भाजपा के नुमाइंदो पर हाथ डालने से कतरा रही थी , बताया तो यह भी जा रहा है कि यह आरोपी बलात्कार की घटना को अंजाम देने के बाद मध्यप्रदेश भाजपा की सोसल मीडिया टीम के साथ मिलकर मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने के कार्यो को अंजाम दे रहे थे , ३ राज्यों में भाजपा की जीत का जश्न भी इन सबने मनाया था किन्तु मामला शांत न होता देख ही इन आरोपियों की गिरफ़्तारी हो पाई है, विपक्ष एंव आम नागरिक अब इंतजार कर रहे है कि भाजपा के शीर्ष नेताओ के चहेतो के घर पर बुलडोजर कब चलेगा।

IIT-BHU में बीटेक की दलित छात्रा के साथ गैंगरेप के आरोप में गिरफ्तार किए गए तीनों अभियुक्त भाजपा आईटी सेल के पदाधिकारी है । लंका थाना पुलिस ने 27 दिन पहले इन्हें हिरासत में लिया था, लेकिन रसूख इतना तगड़ा था कि तीनों को छोड़ना पड़ गया। पुलिस ने साठ दिन बाद छात्रा का चिरहरण करने वाले दरिंदों के चेहरों से नकाब उठाया है। विगत दिनों भाजपा के ही एक बलात्कारी विधायक रामदुलार गोंड को नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास और बीएचयू कैंपस में गैंगरेप के आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद सियासत गरमा गई है। कांग्रेस, सपा समेत सभी विपक्षी दलों सहित तमाम बौद्धिकजनो ने सवाल उठाया है कि जिस पार्टी के नेता-कार्यकर्ता मोरल पुलिसिंग करते घूमते हैं। दूसरों को नसीहत देते रहते हैं। दूसरों को वेलेंटाइन डे तक नहीं मनाने देते, जो प्यार के इजहार करने वालों पर डंडा लेकर हांका लगाते हैं और खुद गैंगरेप जैसे जघन्य वारदात को अंजाम देते हुए उस पर पर्दा डालने के लिए एड़ी से चोटी का जोर लगा देते हैं। दलित छात्रा के साथ हुई दरिंदगी की घटना से एक बार फिर यह साबित हो गया है कि भाजपा के लिए चाल-चरित्र और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा सिर्फ जुमला है और कुछ नहीं। महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपी भाजपाई सांसद बृजभूषण शरण सिंह को बचाने से लेकर BHU छात्रा से गैंगरेप के आरोपियों को बचाने तक की कोशिश भाजपा को कठघरे मे खड़ा करती है।

वनारस की कमिश्नरेट पुलिस ने IIT-BHU में बीटेक द्वितीय वर्ष की दलित छात्रा से गैंगरेप के अभियुक्तों में सुंदरपुर स्थित बृज एन्क्लेव कॉलोनी का कुणाल पांडेय, बजरडीहा के जिवधीपुर का आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और इसी मुहल्ले के सक्षम पटेल को गिरफ्तार किया है। तीनों अभियुक्त भाजपा आईटी सेल के पदाधिकारी हैं। कुणाल पांडेय भाजपा की महानगर इकाई में आईटी विभाग का संयोजक और सक्षम पटेल सह-संयोजक तो आनंद कार्यकर्ता था । गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को रिमांड मजिस्ट्रेट शिखा यादव की अदालत में पेश किया , जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। मामला सत्तारूढ़ दल भाजपा से जुड़े होने की वजह से पुलिस के आला अफसर इस मामले में खुलकर बोलने से बच रहे हैं।

न्यूज़ अटैक इंडिया News Attack India News Attack

छात्रा के साथ गैंगरेप में गिरफ्तार तीनों आरोपी पिछले पांच सालों से भाजपा से जुड़ आईटी सेल का काम देख रहे थे। इनके रसूख का अंदाज इस बात से भी लगाया जा सकता है कि देश के दिग्गज भाजपा नेताओं के दौरे में इन्हें खास तवज्जो मिलती थी। चाहे वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हों, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हों, काबीना मंत्री स्मृति ईरानी हों या आरएसएस के प्रमुख प्रचारक। गैंगरेप के आरोपितों के साथ इनकी व्यक्तिगत तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। तस्वीरें भी इस बात की गवाह हैं कि भाजपा के दिग्गज नेताओं तक इनकी सीधी पहुंच थी। आरोप है कि बलात्कारियो की रसूख एवं इनके आकाओ की सरपरस्ती के कारण है यह अब तक पुलिस की पकड़ से दूर रहे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर में 01 नवंबर 2023 की रात करीब 1.30 बजे आईआईटी बीएचयू की छात्रा टहलने निकली थी। रास्ते में उसे एक मित्र मिला। दोनों कुछ दूर आगे बढ़े ही थे कि कर्मनबीर मंदिर के पास बुलेट सवार तीनों आरोपी कुणाल, सक्षम और आनंद ने उन्हें रोक लिया। ये तीनों पहले से ही घात लगाए बैठे थे। उन्होंने दलित छात्रा के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। सूत्र बताते हैं कि तीनों अभियुक्त अक्सर रात में बीएचयू में निकलने वाली छात्राओं को निशाना बनाया करते थे। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक दरिंदों ने छात्रा के दोस्त के साथ मारपीट की और बाद में उसके साथ गैंगरेप कर छात्रा का निर्वस्त्र वीडियो बनाया। काफी देर तक उन्होंने छात्रा को बंधक बनाए रखा। बाद में वो मोबाइल फोन लेकर भाग गए। घटना के अगले दिन आईआईटी बीएचयू के छात्रों ने आरोपियों की गिरफ्तारी और परिसर की सुरक्षा के मुद्दे पर प्रदर्शन शुरू किया जो दस दिनों तक चला। इस बीच पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस की मदद से जांच शुरू की। बीएचयू परिसर और गेट पर लगे सौ से अधिक सीसीटीवी फुटेज को देखा, जिससे तीनों आरोपियों की पहचान हुई। घटना के समय इनके फोन नंबर भी वहां सक्रिय पाए गए थे। पुलिस ने जब मोबाइल की सीडीआर फाइल निकाली तो पुलिस का संदेश पुख्ता यकीन में बदल गया और यह भी पता चल गया कि गैंगरेप को अंजाम देने वाले अपराधी कौन हैं?

गैंगरेप की वारदात को लेकर बीएचयू में जब छात्रों ने अभूतपूर्व प्रदर्शन किया तो इस मामले का रुख बदलने के लिए बाउंड्री वाल का मामला खड़ा कर दिया गया। बीएचयू के कुछ छात्रों ने पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए लंका स्थित सिंहद्वार पर आंदोलन शुरू किया तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने आकर हंगामा कर दिया। बाद में फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनवाकर तमाम निर्दोष छात्रों के खिलाफ केस दर्ज करवा दिए गए। पीड़ित छात्रों का आरोप है कि इस मामले में पुलिस की मिलीभगत थी और समूचे मामले में तत्कालीन एसीपी प्रवीण सिंह की भूमिका संदिग्ध रही।

बनारस की कमिश्नरेट पुलिस ने आईआईटी-बीएचयू की दलित छात्रा से गैंगरेप करने वाले के तीनों अभियुक्तों की गिरफ्तारी 30 दिसंबर 2023 की रात में दिखाई है। पुलिस के मुताबिक चेकिंग के दौरान उन्हें पकड़ा गया। पुलिस ने घटना में इस्तेमाल बुलेट भी बरामद कर ली है। इनका एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है जिसमें तीनों बुलेट पर बैठे हुए हैं। आरोप है कि घटना वाले दिन ये तीनों इसी बुलेट से आईआईटी कैंपस में घुसे थे और आधी रात में दोस्त के साथ टहल रही लड़की को बंधक बनाकर उसके साथ गैंगरेप किया था। घटना के दौरान आरोपियों ने लड़की का वीडियो भी बना लिया था। आरोप है कि पीड़िता ने पुलिस को तहरीर देते समय अपने साथ गैंगरेप की वारदात का जिक्र किया था, लेकिन अफसरों ने बदनामी का खौफ दिखाते हुए सिर्फ छेड़छाड़ और मारपीट की तहरीर लिखवाई। एफआईआर में गैंगरेप का आरोप तब जोड़ा गया जब छात्रा ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया।

न्यूज़ अटैक इंडिया News Attack India News Attack

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता प्रदीप श्रीवास्तव गैंगरेप की घटना को कुछ अलग तरीके से देखते हैं। वह कहते हैं कि पुलिस ने अभियुक्तों की गिरफ्तारी जानबूझकर देर से की, क्योंकि इस मामले में सत्तारूढ़ दल भाजपा के कार्यकर्ता शामिल थे। घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा में अब ज्ञानशीलता, एकता, चरित्र और ईमानदारी बात खत्म हो गई है। भाजपा से जुड़े जो लड़के गैंगरेप में पकड़े गए हैं उनके ऊपर तक संबंध रहे हैं। जो फोटोग्राफ वायरल हो रही हैं उससे साफ जाहिर है कि उनकी गहरी पैठ रही है। इनकी बड़े नेताओं के साथ वायरल फोटोग्राफ सारी कहानी बयां कर रही हैं। हमें लगता है कि तीन राज्यों में चुनाव के चलते गिरफ्तारी में विलंब हुआ। जिन लड़कों पर फर्जी केस लादकर इस मामले का रूख मोड़ने की कोशिश की गई पुलिस प्रशासन को उनसे माफी मांगनी चाहिए। बीएचयू के इतिहास की गैंगरेप की यह जघन्यतम घटना थी। विश्वविद्यालय के इतिहास में ऐसी घटना कभी कैंपस में नहीं हुई। अब से पहले कभी गैंगरेप नहीं हुआ। शायद पुलिस बहुत दबाव में थी। उसने पहले जानबूझकर छेड़छाड़ की रिपोर्ट लिखी। बाद में अभियुक्तों को बचाने में जुट गई। गनीमत रही कि तत्कालीन एसीपी प्रवीण सिंह गौतमबुद्धनगर स्थानांतरित कर दिए गए अन्यथा गैंगरेप का राज कभी खुलता ही नहीं। छात्रा के मजिस्ट्रेटी बयान के बाद ही पुलिस बैकफुट पर आ गई थी जब अपने बयान में गैंगरेप की बात कही। पुलिस सब कुछ जानती थी और वह जानबूझकर अभियुक्तों पर हाथ नहीं डाल रही थी। शायद ऊपर से दबाव रहा होगा। हरी झंडी मिलने के बाद गिरफ्तारी दिखाई गई होगी। पुलिस अभी न्याय कर पाएगी, इसमें संदेह है। उसकी चार्जशीट पर नजर रखने की जरूरत है, अन्यथा तीनों ही अभियुक्त आसानी से छूट जाएंगे। योगी सरकार को चाहिए कि जिस तरह वह दूसरे अपराधियों के घरों को सरकार बुल्डोजर से ढहवा देती है, उसी तरह की कार्रवाई इन तीनों के घरों पर भी होनी चाहिए।

अभियुक्तों की देर से हुई गिरफ्तारी पर बीएचयू के पूर्व अध्यक्ष अनिल श्रीवास्तव ने गंभीर सवाल खड़ा किया है। वह कहते हैं कि कितनी अचरज की बात है कि तीनों अभियुक्त भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के बेहद करीबी हैं। इनकी पार्टी में इतनी अच्छी पकड़ थी कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक से सीधे मिलते थे। दूसरी बात अगर पुलिस ने उसी समय अभियुक्तों की सीडीआर फाइल निकलवा ली थी तो गिरफ्तारी दो महीने बाद क्यों की गई? वारदात के समय मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव पीक पर था और बीएचयू की घटना से भाजपा की छीछालेदर हो सकती थी। जिस रोज मतगणना हो रही थी उस दिन तीनों अभियुक्तों को अगर थाने बुलाया गया तो उन्हें क्यों छोड़ा गया? क्या सियासी वजहों से अपराध को छिपाने की कोशिश की गई? कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने जब इस मामले का खुलासा किया तो उनके खिलाफ पुलिस ने फर्जी केस दर्ज कर लिया। आखिर यह कैसा सुशासन है कि अब अभियुक्तों की गिरफ्तारी भी चुनावी वजहों से टाली जाने लगी है।

वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम ने एक्स पर मुख्यधारा की मीडिया पर सवाल खड़ा करते हुए लिखा है, प्रधानमंत्री से लेकर योगी और नड्डा तक ऐसे लड़के कैसे पहुंचे? इनके इतने बड़े गुनाह के बाद भी किसी चैनल पर ये तस्वीरें चल रही हैं क्या? इनके फोटो दिखाकर कोई “राष्ट्रवादी एंकर” बीजेपी से सवाल पूछ रहा है क्या?

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अखिलेश यादव ने गैंगरेप के अभियुक्तों में भाजपा के पदाधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद करारा हमला बोला है। सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि “ये हैं भाजपा के दिग्गज नेताओं की छत्रछाया में सरेआम पनपते और घूमते भाजपाइयों की वो नयी फसल, जिनकी ‘तथाकथित ज़ीरो टॉलरेंस सरकार’ में दिखावटी तलाश जारी थी लेकिन पुख़्ता सबूतों और जनता के बीच बढ़ते गुस्से के दबाव में भाजपा सरकार को आख़िरकार इन दुष्कर्मियों को गिरफ़्तार करना ही पड़ा, ये वही भाजपाई हैं जिन्होंने बीएचयू की एक छात्रा के साथ अभद्रता की सभी सीमाएं तोड़ दी थीं। देशभर की एक-एक नारी देख रही है कि भाजपा नारी-सम्मान के साथ कैसा मनमाना खिलवाड़ कर रही है और महिला अत्याचार, उत्पीड़न और बलात्कार के आरोपियों को बचा रही है। आगामी चुनाव में महिलाएं भाजपा को एक भी वोट नहीं देंगी। महिलाएं ही भाजपा की हार का कारण बनेंगी। भाजपा का सच आज जनता के सामने है। जनता आगामी चुनाव में भाजपा को हराकर अपना फ़ैसला भी देगी और महिलाओं के साथ इंसाफ़ करेगी।”

एक्स हैंडल पर भी समाजवादी पार्टी का बयान आया है कि “बीजेपी की गारंटी : सत्ता की हनक में भाजपाई करेंगे शोषण ! IIT-BHU में गनपॉइंट पर छात्रा के कपड़े उतरवाकर वीडियो बनाने और गैंगरेप करने वाले आरोपी भाजपा सोशल मीडिया के सदस्य हैं शर्मनाक! प्रदेश में बहन-बेटियां असुरक्षित, बीजेपी वाले ही हैं खतरा। इन आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिले, सरकार न दे संरक्षण।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने कहा है, “मैंने उसी समय कहा था कि इस मामले में बीजेपी के लोग शामिल हैं। तब मुझे निशाना बनाते हुए मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई। मेरी बात बिल्कुल सच साबित हुई। बीएचयू के स्टूडेंट्स इस मुद्दे को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन करते रहे। दबाव बढ़ने पर पुलिस ने अब कार्रवाई की। बीजेपी के लिए ‘बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ’ बस एक नारा है।

समाजवादी पार्टी के एमएलसी आशुतोष सिन्हा और वरिष्ठ नेता मनोज राय धूपचंडी ने कहा है कि, “बीजेपी का  शीर्ष नेतृत्व पीएम, सीएम, डिप्टी सीएम समेत पार्टी के तमाम नेताओं के साथ इनकी अंतरंगता थी। बीजेपी के नेता ही इन्हें संरक्षण दे रहे थे। इनकी तस्वीरें सच्चाई को खुद बयां कर रही हैं। बेटी बचाओ अभियान की असलियत यही है कि भाजपाइयों से बेटी बचाओ। पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में बेटियां ही सुरक्षित नहीं हैं तो देश कैसे सुरक्षित रहेगा? वैसे भी यूपी की कानून व्यवस्था तो भगवान भरोसे ही चल रही है।

हाशिए पर खड़े इस समाज की आवाज बनकर उनका साथ देने का न्यूज़ अटैक एक प्रयास है. उम्मीद है आप सभी का सहयोग मिलेगा.
न्यूज़ अटैक इंडिया News Attack India News Attack
आपके पास शोषित समाज के उत्पीड़न अथवा किसी विभाग में भ्रस्ट्राचार की जानकारी हो तो व्हाटसअप नं. 9454606598 पर भेजें।
न्यूज़ अटैक इंडिया News Attack India News Attack
Share This.

Related posts

Leave a Comment