आम आदमी पार्टी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले रास्ट्रीय परिषद् के सदस्य पवित्तर सिंह समेत नौ नेताओं को पार्टी से निकाल दिया गया है। पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए इन नेताओं पर कार्रवाई की गई है। आप ने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि अब इन नौ नेताओं का पार्टी से कोई संबंध नहीं है।
सनद रहे है ए वही पवित्तर सिंह है जिन्होने कुछ दिन पहले प्रेस कांफ्रेंस कर आम आदमी पार्टी में भ्रष्टाचार की पोल खोली थी। उन्होंने पार्टी के सह प्रभारी जरनैल सिंह पर दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान एक लाख रुपये लेने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
रास्ट्रीय परिषद् के सदस्य पवित्तर सिंह, स्टेट मीडिया टीम के सदस्य कर्नल जसजीत सिंह गिल, सर्कल प्रभारी जगतार सिंह, महिला विंग से संबंधित लखविंदर कौर, एनआरआइ सेल से संबंधित हरपाल सिंह, डॉ. अमनदीप सिंह बैंस, बलजीत सिंह चाहल, कर्नल दलविंदर सिंह ग्रेवाल और अमनदीप सिंह बोपारायके बिरुद्ध आप ने पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की है |
वही डॉ. अमनदीप सिंह बैंस व दलविंदर सिंह ग्रेवाल ने सोशल मीडिया में अपना पक्ष रखते हुए कहा है उन्होंने खुद ही पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। ग्रेवाल ने कहा कि पार्टी अपने मूल्य खो चुकी है और भ्रष्ट उम्मीदवारों को बचा रही है। मैंने इसी के खिलाफ आवाज उठाई थी। वहीं, अमनदीप सिंह ने कहा कि पंजाब के अधिकारों व मांगों की उपेक्षा करने व भ्रष्ट व यौन उत्पीडऩ के आरोपी पदाधिकारियों पर कार्रवाई न करने के चलते उन्होंने पार्टी छोड़ दी है।
इस पर पवित्तर सिंह का कहना है कि यह लोकतंत्र की हत्या है। मुझे कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है। पार्टी में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को किनारे किया जा रहा है। संविधान के अनुसार पार्टी ऐसा नहीं कर सकती है, क्योंकि संजय सिंह, दुर्गेश पाठक व जरनैल सिंह के खिलाफ आवाज उठाने वालों का यही हश्र होगा। निजी कंपनी की तरह उक्त नेताओं को सीईओ बना दिया गया है। इसीलिए पार्टी की विचारधारा कहीं पीछे रह गई है। केजरीवाल ने संजय सिंह व दुर्गेश पाठक व जरनैल सिंह के सामने घुटने टेक दिए हैं। ये लोग भ्रष्टाचार में डूब चुके हैं।